भोपाल। कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने कहा है कि ग्रामोद्योग हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। ग्रामोद्योगों से हमारे ग्रामीण बुनकरों, करघाचालकों, दस्तकारों, हस्त शिल्पियों, कारीगरों, कच्चा माल आपूर्तिकर्ताओं और अन्य लोगों को भी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है। गांव और ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वोकल फॉर लोकल मंत्र दिया गया है। इसके तहत देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिये हम सबको स्वदेशी वस्त्र अपनाना चाहिए। जितना हो सके, खादी के कपड़े पहनिए, यह हर मौसम में शरीर के लिए फायदेमंद है। खादी वस्त्रों की मांग बढ़ने से हमारे बुनकरों और ग्रामीण दस्तकारों को लाभ मिलेगा और वे आर्थिक रूप से सपन्न हो सकेंगे। राज्यमंत्री जायसवाल बुधवार को भोपाल के गौहर महल में दसवें राष्ट्रीय हाथकरघा दिवस कार्यक्रम और सावन मेले के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह 9 अगस्त तक जारी रहेगा। इसमें हर दिन अलग-अलग इवेंट्स होंगे।
राज्यमंत्री जायसवाल ने प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए बुनकरों से अपील करते हुए कहा कि वे नये-नये डिजाइन के गुणवत्तापूर्ण टिकाऊ कपड़े बनाकर हमारी देशज संस्कृति को और समृद्ध बनायें और हम सबको गौरवान्वित होने का अवसर देते रहें।
उल्लेखनीय है कि देश के सभी बुनकरों, दस्तकारों और ग्रामीण कारीगरों के हुनर एवं उनके असीम श्रम के सम्मान स्वरूप हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हाथकरघा दिवस मनाया जाता है। पहला राष्ट्रीय हाथकरघा दिवस समारोह 7 अगस्त 2015 को चेन्नई में मनाया गया था।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री जायसवाल ने सभी को राष्ट्रीय हाथकरघा दिवस की बधाई और शुभकामनाएँ देकर सावन मेले का भरपूर आनंद लेने और शिल्पकारों के उत्पादों को क्रय करने का आहृवान किया। उन्होंने मंच से उत्कृष्ट बुनकरों और हस्तशिल्पयों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम में सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग विकास बोर्ड मालसिंह, आयुक्त रेशम विकास मदन विभीषण नागरगोजे, मप्र संत रविदास हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम के प्रबंध संचालक तथा आयुक्त हस्तशिल्प एवं हाथकरघा मोहित बुंदस, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी भोपाल के डायरेक्टर आशीष अग्रवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारीगण तथा बड़ी संख्या में बुनकर व स्टॉल प्रदर्शक उपस्थित थे।
सावन मेला
बुनकरों और हस्तशिल्पियों के उत्पादों के प्रदर्शन और विक्रय के लिये गौहर महल में सावन मेले का आयोजन किया गया है। यह 18 अगस्त तक चलेगा। सावन मेले में प्रदेश के हाथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों का प्रदर्शन, बुनकरों का सम्मान एवं बुनाईकला को प्रदर्शित करने के लिये फैशन शो एवं सांस्कृतिक कार्यकम किये जायेंगे।
हाथकरघा क्लस्टर चंदेरी, महेश्वर, ग्वालियर, सारंगपुर, सीधी, रीवा, मंदसौर, वारासिवनी, सीहोर, मंडला एवं डिण्डोरी में भी ऐसे ही आयोजन किये जा रहे हैं। राष्ट्रीय हाथकरघा दिवस पर पारम्परिक हाथकरघा क्लस्टर चंदेरी, महेश्वर, सारंगपुर मंदसौर, सौंसर, सीधी, वारासिवनी, सागर के बुनकरों व कारीगरों को सम्मानित किया गया। चंदेरी, महेश्वर, सौसर एवं वारासिवनी क्लस्टर में उत्पादित मलबरी एवं टसर सिल्क की साड़ियों, होम फर्नीशिंग सारंगपुर पड़ाना एवं मंदसौर क्लस्टर की आकर्षक चादरों के न्यू कलेक्शंस का प्रदर्शन भी इस अवसर पर किया जा रहा है।
प्रदेश के हाथकरघा बुनकरों एवं हस्तशिल्पियों द्वारा उत्पादित सामग्री के विक्रय को प्रोत्साहित करने के लिये निगम द्वारा आयोजित सावन मेले से प्रदेश के बुनकरों एवं हस्तशिल्पियों को एक मंच उपलब्ध कराया गया है। इससे उनके उत्पादों व अन्य सामग्री का प्रचार-प्रसार तो होगा ही, बिजनेस (विक्रय) का अवसर भी मिलेगा।
प्रारंभ में कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री जायसवाल ने फीता काटकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रदर्शनी व स्टाल्स का अवलोकन कर बुनकरों और विभिन्न स्टाल्स प्रदर्शकों से आत्मीयतापूर्ण चर्चा कर उनके आकर्षक उत्पादों की सराहना की। स्वागत उद्बोधन आयुक्त हस्तशिल्प एवं हाथकरघा मोहित बुंदस ने दिया।