भोपाल। मध्य प्रदेश में नागपंचमी का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसके लिए सपेरे सांपों को पकड़कर घर घर जाकर उनकी पूजन कराते हैं। अंधविश्वास के कारण उन्हे दूध पीने के लिए मजबूर करते हैं। इस घटनाक्रम कई नाग मौत के घाट उतर जाते हैं। या तो बहुत घायल या दयनीय स्थिति में मिलते हैं। इसे लेकर प्रदेश सरकार ने एक अनोखी पहल की है।
लोगों को लगता है नाग देवता दूध का सेवन करते हैं। पर यह कथन पूरी तरह गलत है। सांपों की फूड डाइट में दूध कहीं भी नहीं आता है। सपेरों के हाथों पकड़ाए जाने के कारण हर साल सैकड़ों सांपों की मौत हो जाती है। वे फिर न तो शिकार करने लायक बचते हैं और न ही अपनी रक्षा कर पाते हैं।
इस सब को रोकने के लिए प्रशासन ने मंदिर के पुजारियों, जीव प्रेमियों और अन्य संस्थानों के लोगों को एक साथ बुलाकर सलाह देने की मुहिम शुरू की है। इस अभियान के तहत आने वाली नागपंचमी को प्रतीकात्मक रूप से नाग देवता की पूजन की अपील की जाएगी। लोग मंदिरों और घरों में मूर्ती की पूजा करके इको सिस्टम में महत्वपूर्ण इन जीवों की रक्षा कर सकते हैं।
इसके लिए वन विभाग ने राजधानी भोपाल के भी कई इलाकों में कार्रवाई तेज करने के लिए तैयारी की है। यदि पुजारियों और स्वयंसेवी लोगों को ऐसे सपेरे मिलते हैं तो वे उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करेंगे। इसके बाद वन विभाग उन सपेरों पर सख्त कार्रवाई कर सकता है। उन पर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। वन विभाग द्वारा चलाया जा रहा यह खास अभियान आने वाले 9 अगस्त तक चलेगा।