अनूपपुर (दिलीप चौधरी) । महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) द्वारा अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन के तहत अनूपपुर जिला समिति ने विभिन्न स्थानों पर धरना प्रदर्शन आयोजित किया। यह प्रदर्शन महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के खिलाफ और कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग को लेकर किया गया।
प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य कार्यस्थलों और यात्रा मार्गों पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करना था। हाल ही में कोलकाता के आईजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या, तथा मुंबई के थाणे में 4 साल की बच्चियों के साथ यौन अपराध जैसी घटनाओं ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंताएं उत्पन्न की हैं। जब कोलकाता और मुंबई जैसी सुरक्षित मानी जाने वाली जगहों पर ऐसी घटनाएं हो सकती हैं, तो देश के दूरस्थ और असुरक्षित इलाकों में महिलाओं की स्थिति का अंदाजा लगाना कठिन है।
इन घटनाओं के बाद देशभर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठे हैं। सीटू द्वारा आयोजित इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य सरकारों को जागरूक करना और महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग करना था।
प्रदर्शन के दौरान असम, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसी जगहों पर हाल ही में हुए सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की घटनाओं को भी उजागर किया गया। साथ ही हाथरस, कठुआ, उन्नाव और अन्य जगहों पर महिलाओं के खिलाफ अपराधों में राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण पर भी सवाल उठाए गए।
प्रदर्शनकारियों ने अंतर्राष्ट्रीय पहलवानों के साथ हुए दुर्व्यवहार का भी मुद्दा उठाया, जहां महिला पहलवानों को प्रदर्शन के दौरान बर्बरता का सामना करना पड़ा। यह घटना महिला सुरक्षा की गंभीरता पर सवाल उठाती है।
प्रदर्शन के समापन पर अनूपपुर और कोतमा के अनुविभागीय अधिकारियों को प्रधानमंत्री के नाम 16 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया। इस ज्ञापन में महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दे शामिल थे। ज्ञापन सौंपने के दौरान अनूपपुर जिला सीटू के महासचिव इंद्रपति सिंह, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका यूनियन की अध्यक्ष अफसाना बेगम, महासचिव संध्या शुक्ला, आशा, उषा एवं पर्यवेक्षक यूनियन के पदाधिकारी सुमित्रा मोहोबे, ममता, अमिता, मैरी, सुनीता विश्वकर्मा और अनामिका सहित सैकड़ों महिलाओं ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर सीटू के कार्यवाहक अध्यक्ष जुगल किशोर राठौर ने जानकारी दी कि प्रदर्शन को ‘फूल नहीं, चिंगारी हैं हम भारत की नारी हैं, हमें सुरक्षा देना होगा’ के नारों के साथ समाप्त किया गया।