Thursday, 26 December

जशपुरनगर। जिले में हाथियों की हलचल से बढ़ रही जनहानि को रोकने के लिए इन दिनों वन विभाग के कर्मचारी प्रभावित क्षेत्र के हर घर में दस्तक दे रहें हैं। वनकर्मी हाथी विचरण क्षेत्र के रहवासियों को लिखित में इसकी सूचना देकर रात के समय विशेष रूप से सतर्क रहने और कच्चे मकान में निवासरत ग्रामीणों को पास के पक्के मकान में रात गुजारने की सलाह दे रहें हैं।

वन विभाग ने यह कदम बीते 15 दिनों के अंदर में जिले में हाथी के हमले में 5 ग्रामीणों की मौत के बाद उठाया है। डीएफओ जितेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि वन विभाग का लक्ष्य जनहानि को शून्य करना है। इसके लिए आवश्यक है कि प्रभावित क्षेत्र के रहवासियों का अपेक्षित सहयोग मिले। इसलिए विभाग ने बीट गार्ड को जिले के जिस क्षेत्र में हाथी विचरण कर रहें है,उस क्षेत्र के रहवासियों को लिखित में सूचना देने को कहा गया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लोगों को इस बात की जानकारी दे दी गई है कि उनके क्षेत्र में हाथी विचरण कर रहें हैं और उन्हें विशेष सावधानी बरतनी है।

सूचना के देने के दौरान वनकर्मी ग्रामीणों से रात के समय घर से बाहर ना निकलने के साथ ही घर में महुआ, शराब, कटहल ना रखने की समझाइश दे रहें हैं। इन वस्तुओं की खुश्बू से हाथी मानव बस्ती की ओर आकर्षित होते हैं। घर में रखे हुए धान को खाने के लिए हाथी कच्चे मकानों को निशाना बनाते हैं।

वनकर्मियों और ग्रामीणों के बीच हो रहा रोचक संवाद
हाथियों के विचरण की सूचना और समझाइश देने के लिए ग्रामीणों के घर पहुंच रहें वनकर्मियों और ग्रामीणों के बीच रोचक संवाद देखने को मिल रहा है। ऐसा ही एक वीडियों इंटरनेट मिडिया वाट्सएप और फेसबुक में प्रसारित हो रहा है। इस वीडियों में तपकरा वन परिक्षेत्र के पुरईनबंध गांव में हाथियों के विचरण करने की सूचना देने के पहुंचे वनकर्मियों ने जैसे ही यहां के रहवासी जगमोहन को जंगल की ओर ना जाने की सलाह दी उसने अपने मूंछ को ऐंठ कर कहा आपका काम है बताना और मेरा काम है लकड़ी लेने के लिए जंगल में जाना। ऐसे ही रात के समय अपना घर छोड़ कर पक्के मकान में रात बिताने के लिए ग्रामीणों को राजी करने में भी वनकर्मियों के पसीने छूट रहें हैं। ग्रामीणों का कहना है कि घर में उनके अलावा पालतू मवेशी और कीमती सामान भी होते हैं। घर खाली होने पर उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा।

हाथियों के हलचल की जानकारी जुटाने की चुनौती
जिले में इस समय 17 हाथी अलग-अलग क्षेत्र में विचरण कर रहें हैं। हाथियों की चहल कदमी की जानकारी जुटाने की बड़ी चुनौती वन विभाग के सामने खड़ी है। डीएफओ उपाध्याय ने बताया कि इसके लिए सूचना तंत्र के साथ नाइट विजय थर्मल कैमरायुक्त ड्रोन का प्रयोग किया जा रहा है। लोगों को हाथी विचरण क्षेत्र में लिखित सूचना देने के साथ ही मुनादी और एनीमल ट्रेकर डिवाईस के माध्यम से सूचना दी जा रही है। डिवाईस के माध्यम से एक बार में 10 हजार लोगों के मोबाइल में टैक्ट और वाइस मैसेज पहुंचता है।

ये सावधानी बरतें
डीएफओ जितेन्द्र उपाध्याय हाथियों से बचने के लिए आवश्यक है कि विचरण क्षेत्र में रात के समय अधिक से अधिक सावधानी बरता जाए। उन्होनें बताया कि वनकर्मी लोगों से अनाज वाले कमरे में ना सोने,रात के समय कच्चे मकान छोड़ कर,पक्के मकान में सोने और हाथी से सामना हो जाने पर उस पर टार्च की रोशनी ना डालने की समझाइश दे रहें है। उन्होनें बताया कि टार्च की रोशनी से हाथी के भड़कने का खतरा रहता है। इसी तरह कच्चे मकान को तोड़ने के दौरान हाथी घर के उसी हिस्से को निशाना बनाते हैं जहां धान या खाना रखा होता है।

इनका कहना है
जंगल के किनारे रहने वाले सभी लोगों को हाथी विचरण की लिखित सूचना देने के साथ ही उन्हें हाथियों से सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक उपाय की जानकारी भी जा रही है। कच्चे मकान में रहने वालों को रात के समय पक्के भवन में रहने को भी कहा जा रहा है। थोड़ी सी सावधानी बरत कर जिले में हाथी से होने वाली जनहानि को शून्य किया जा सकता है।

जितेन्द्र उपाध्याय, डीएफओ,जशपुर

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