समाज में कुरीतियों को एक व्यक्ति द्वारा रोका नहीं जा सकता, इसके लिए सामाजिक स्तर पर सतत प्रयास करने की जरूरत होती है। सामयिक निर्णय, सामूहिक सुझाव, सामूहिक प्रयासों के द्वारा ही कुरीतियों पर विजय पाया जा सकता है। भ्रूण हत्या, नशीले मादक, द्रव्य पदार्थों का बढ़ता दुष्प्रभाव, विधवा महिला का सामाजिक सम्मान, बाल विवाह पर रोक, बालिका शिक्षा पर बल, दहेज लेना देना सामाजिक अभिशाप, मृत्यु भोज, पगड़ी अपव्य, आपराधिक प्रवृत्तियोंत्तियों से सावधान करना, साइबर क्राइम के प्रति सजक और सावधान युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना सहित अनेक ऐसी कुरीतियां व बुराइयां हैं जो धीरे-धीरे बढ़ती जाती हैं। जिनका समय-समय पर निस्तारण, समाधान होना अत्यंत आवश्यक होता है। इसी को ध्यान में रखकर ब्राह्मण महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ब्राह्मण समाज शामिल होगा। इस दारौन तय किया जाएगा कि इन बुराइयों से किस स्तर से कैसे निपटा जाए। साथ ही बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार किस तरह दिया जाए ताकि वे आत्मनिर्भर बन सके। लेकिन, सियासी गलियारों में इस महाकुंभ को दौसा विधानसभा उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। उपचुनाव से पहले इसे ब्राह्मण समाज का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है।
दौसा: ब्राह्मण समाज ने विधानसभा उपचुनाव से पहले एक सितंबर को दौसा में ब्राह्मण महाकुंभ के आयोजन का एलान किया है। समाज में फैली बुराइयों को मिटाने के लिए समस्त ब्राह्मण समाज एकजुट होगा। ब्राह्मण नेताओं ने बताया कि नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने के लिए समाज में सदैव सजकता की आवश्यकता है। इसी को ध्यान में रखकर ब्राह्मण महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है, ताकि समाज में बढ़ने वाली कुरीतियां विराट रूप धारण करें उससे पहले ही उन्हें रोका जा सके।