Friday, 18 October

दुनिया भर में ब्रेन ट्यूमर के मामलों में तेजी से हो रही वृद्धि के मद्देनजर, विशेषज्ञों ने इस घातक बीमारी के शुरुआती पता लगाने और समय पर इलाज के महत्व पर ज़ोर दिया है।

जागरूकता बढ़ाना ज़रूरी

प्रत्येक वर्ष 8 जून को मनाया जाने वाला विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस, मस्तिष्क में असामान्य कोशिका वृद्धि के कारण होने वाली इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

भारत में चिंताजनक आंकड़े

इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ कैंसर रजिस्ट्री (IARC) के अनुसार, भारत में हर साल 28,000 से अधिक ब्रेन ट्यूमर के मामले सामने आते हैं, जिनमें से 24,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाती है।

शुरुआती लक्षणों पर ध्यान दें

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि मस्तिष्क ट्यूमर का जल्द पता नहीं लगाया जाता है और उसका इलाज नहीं किया जाता है, तो यह जानलेवा हो सकता है। शुरुआती लक्षणों में सिरदर्द, चक्कर आना, मतली, उल्टी, दौरे, संतुलन और समन्वय में कठिनाई, दृष्टि में बदलाव और बोलने में कठिनाई शामिल हो सकते हैं।

बच्चों में भी खतरा

बच्चों में भी ब्रेन ट्यूमर हो सकता है, हालांकि इसका कोई सटीक कारण नहीं पता है। पारिवारिक इतिहास, ब्लड कैंसर और आयोनाइजिंग रेडिएशन थेरेपी जैसे कुछ जोखिम कारक हो सकते हैं।

तनाव एक संभावित खतरा

डॉ प्रवीण गुप्ता, फोर्टिस अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख, ने तनाव को एक उभरता हुआ खतरा बताया। उन्होंने कहा, “हमारी व्यस्त जीवनशैली में, हम अक्सर तनाव के हानिकारक प्रभावों को नजरअंदाज कर देते हैं। यह मस्तिष्क में ट्यूमर के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बना सकता है।”

समय पर इलाज महत्वपूर्ण

विशेषज्ञों का कहना है कि योग्य डॉक्टरों द्वारा उचित और समय पर इलाज, ब्रेन ट्यूमर के रोगियों के लिए बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने की कुंजी है। उपचार में आमतौर पर सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी का संयोजन शामिल होता है।

जागरूकता और रोकथाम

विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस हमें इस गंभीर बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देने का अवसर प्रदान करता है। यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

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