जयपुर.
राजस्थान में इस बार होने वाले आईपीएल मैचों का आयोजन क्रिकेट संघ करवाएगा या सरकार? यह एक बड़ा सवाल है, जिसका फिलहाल कोई जवाब नहीं मिल रहा है। इसकी वजह यह है कि क्रिकेट एसोसिएशन में होने वाले चुनाव को लेकर फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं है। बीते 8 महीनों से राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का संचालन सरकार की बनाई गई एडहॉक कमेटी ही कर रही है।
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से वैभव गहलोत को हटाने के बाद एसोसिएशन में नागौर जिला क्रिकेट संघ से ताल्लुक रखने वाले और प्रदेश के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के पुत्र धनंजय सिंह खींवसर को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था लेकिन कुछ समय बाद ही सरकार ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर एडहॉक कमेटी बना दी, जो फिलहाल राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को संचालित कर रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि एक बार फिर राजस्थान में आयोजित होने वाले आईपीएल के मुकाबले सरकार की ओर से ही आयोजित किए जाएंगे, मामले को लेकर पूर्व खेलमंत्री अशोक चांदना का कहना है कि भाजपा सरकार चुनाव में विश्वास नहीं रखती, उन्होंने कहा कि जब वैभव गहलोत राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुने हुए अध्यक्ष थे तो उन्हें बिना चुनाव करवाए क्यों हटाया गया? यदि सरकार को राजस्थान के क्रिकेट चलानी थी तो चुनाव करवाने चाहिए थे। चांदना ने यह भी कहा कि मौजूदा समय में राजस्थान में खेलों के हालात कुछ अच्छे नहीं हैं, राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में कार्यकारिणी नहीं बनने से खिलाड़ियों को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सिर्फ 3 महीने के लिए बनाई थी एडहॉक
सरकार ने 28 मार्च 2024 में राजस्थान क्रिकेट संघ की कार्यकारिणी को भंग करके एडहॉक कमेटी का गठन कर दिया था, उस समय यह कमेटी सिर्फ 3 महीने के लिए बनाई गई थी और इसका काम राजस्थान क्रिकेट संघ के चुनाव करवाना था लेकिन सरकार ने इस कमेटी को दो बार एक्सटेंशन दे दिया यानी बीते 8 महीने से राजस्थान में क्रिकेट का संचालन एडहॉक कमेटी द्वारा किया जा रहा है। राजस्थान के क्रिकेट इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब एडहॉक कमेटी ने इतने लंबे समय तक राजस्थान के क्रिकेट को चलाया है। मौजूदा कमेटी का कार्यकाल 28 दिसंबर को खत्म होगा लेकिन माना जा रहा है कि सरकार एक बार फिर कमेटी को एक्सटेंशन देने की तैयारी कर रही है, फिलहाल बीजेपी से विधायक जयदीप बिहानी को कमेटी का संयोजक बनाया गया है।
फंड की कमी से जूझ रहे हैं
एडहॉक कमेटी के गठन के बाद राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के वित्तीय हालत लगातार बिगड़ने लगे हैं। फंड की उपलब्धता नहीं होने के कारण राज्य स्तरीय टूर्नामेंट समय पर आयोजित नहीं हो पाए, ऐसे में कमेटी के सदस्य जब बीसीसीआई के पदाधिकारी से मिले तब कुछ फंड उपलब्ध करवाया गया। इतना ही नहीं दिवाली के मौके पर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के कर्मचारियों को 4 महीने बाद तनख्वाह दी गई। मौजूदा समय में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के हालात जयपुर जिला क्रिकेट एसोसिएशन की तरह हो गए हैं क्योंकि जयपुर जिला क्रिकेट एसोसिएशन में भी पिछले 3 सालों से एडहॉक कमेटी काम कर रही है और अभी तक इसके चुनाव नहीं हो पाए हैं।
सदस्यों पर सवाल उठे
इस दौरान एडहॉक कमेटी पर कई तरह के सवाल भी उठने लगे हैं। गंगानगर जिला क्रिकेट संघ के पदाधिकारी ने कमेटी के कुछ सदस्यों पर आरोप लगाए थे और कहा था कि खिलाड़ियों के सिलेक्शन में भेदभाव किया जा रहा है। सिर्फ उन्हीं खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जा रही है, जो कमेटी के सदस्य हैं। साथ ही कोच के सिलेक्शन के समय भी कमेटी पर कई तरह के सवाल उठाए गए थे।
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