कोच्चि.
वियतनाम तटरक्षक जहाज सीएसबी 8005 भारत में चल रही विदेशी तैनाती के हिस्से के रूप में 16 दिसंबर को कोच्चि पहुंचने वाला है, जिसका उद्देश्य दोनों बलों के बीच समुद्री सहयोग और अंतर-संचालन को बढ़ाना है। यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार चार दिवसीय यात्रा के दौरान वीसीजी जहाज का चालक दल समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया (एमपीआर), समुद्री खोज एवं बचाव (एम-एसएआर), और समुद्री कानून प्रवर्तन पर ध्यान केंद्रित करते हुए पेशेवर बातचीत में शामिल होगा। वहीं, गतिविधियों में क्रॉस-डेक प्रशिक्षण, विषय वस्तु विशेषज्ञ आदान-प्रदान, सामाजिक संपर्क, मार्ग अभ्यास (पीएएसएसईएक्स), प्रमुख अग्निशमन अभ्यास, विजिट बोर्ड सर्च एंड सीजर (वीबीएसएस), काउंटर ड्रग्स इंटरडिक्शन और भारतीय तटरक्षक के साथ तेल प्रदूषण प्रतिक्रिया प्रदर्शन शामिल हैं।
इस यात्रा का उद्देश्य न केवल वियतनाम तटरक्षक और भारतीय तटरक्षक के बीच संबंधों को मजबूत करना है, बल्कि जहाज निर्माण में भारत की तकनीकी उन्नति को प्रदर्शित करना भी है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ की अवधारणा का समर्थन करता है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय तटरक्षक और वियतनाम तटरक्षक के बीच एक मौजूदा समझौता ज्ञापन (एमओयू) है, जिसने दो समुद्री एजेंसियों के बीच सहकारी जुड़ाव को संस्थागत रूप दिया है। वीसीजी जहाज का यह दौरा एमओयू के प्रावधानों के अनुरूप है और इसलिए, यह विदेशी मित्र देशों (एफएफसी) के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए भारतीय तटरक्षक की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
वीसीजी जहाज की यात्रा प्रमुख समुद्री साझेदारों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण है, जो समकालीन समुद्री चुनौतियों का समाधान करते हुए क्षेत्र में समुद्रों की सुरक्षा, संरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। समुद्री सुरक्षा पहलू पर आईसीजी का बढ़ता फोकस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास’ (सागर) के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत की वैश्विक नेतृत्व स्थिति को मजबूत करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।
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