नई दिल्ली
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ने लैटरल एंट्री के जरिए 45 पदों पर नौकरियां निकाली हैं। इनमें 45 संयुक्त सचिव, उप सचिव और निदेशक स्तर के पद शामिल हैं। अलग-अलग मंत्रालय में सीधी भर्ती के जरिए इन पदों पर भर्ती की जाएगी। ये भर्तियां अनुभव और काम के आधार पर होनी हैं। इसकी एप्लिकेशन प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। हालांकि विपक्ष मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहा है। बता दें कि 2019 में पहली बार मोदी सरकार ने सीधी भर्ती के जरिए इन पदों पर भर्ती की थी। अब इसे दोहराया जा रहा है।
मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में प्रशासनिक स्तर पर सुधार के लिए कई कदम उठा रही है। बीते सप्ता ही कैबिनेट सचिव और गृह सचिव समेत 20 सचिवों के तबादले कर दिए गए थे। अब सरकार ने ‘डोमेन एक्सपर्ट्स’ यानी विशेषज्ञों की भ्रती का ऐलान कर दिया है। यूपीएससी ने इसके लिए विज्ञापन जारी कर दिया है र आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इस भर्ती में 10 पद संयुक्त सचिव स्तर के, और बाकी निदेशक और उप सचिव स्तर के हैं। नवीकरणीय ऊर्जा, मीडिया, पर्यावरण, कृषि, इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े मंत्रालयों में ये भर्तियां होनी हैं। सरकार का कहना है कि एक्सपर्ट्स फील्ड के बारे में ज्यादा जानकारी रखते हैं और उनके अनुभव के जरिए काफी सुधार किए जा सकते हैं। वहीं निजी क्षेत्र के अच्छे अनुभवी लोगों की मेहनत का लाभ भी सरकारी विभागों को मिल पाएगा। वहीं विपक्ष मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहा है।
विपक्ष क्यों कर रहा विरोध
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि इन भर्तियों में किसी प्रकार के आरक्षण का प्रावधान नहीं है। अगर यूपीएससी के जरिए भर्ती होती है तो इसमें एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण देना होता है। उन्होंने कहा, केंद्र की मोदी सरकार बाबा साहेब के लिखे संविधान और आरक्षण के साथ घिनौना मजाक कर रही है। यह विज्ञापन उसकी ही छोटी सी बानगी है। उन्होंने साथ में विज्ञापन की तस्वीर भी पोस्ट की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का यह बहुत ही व्यवस्थित, योदनाबद्ध और शातिराना तरीका है जिससे की आरक्षण को खत्म किया जा सके। बता दें कि यह सरकारी नौकरी कॉन्ट्रैक्ट बेस पर तीन साल के लिए होगी। जॉइंट सेक्रेटरी के लिए 17 साल का, डायरेक्टर के लिए 10 साल का और डिप्टी सेक्रेटरी के लिए सात साल का अनुभव मांगा गया है। इसके अलावा पदों के हिसाब से ही शैक्षिक योग्यता रखी गई है।
कांग्रेस ने भी इस भर्ती का विरोध किया है और कहा कि मोदी सरकार ने आरक्षण पर वार किया है। मोदी सरकार केंद्र में 45 पद भरने के लिए लैटरल एंट्री का विज्ञापन निकाला है। इसमें एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण भी नहीं है। मोदी सरकार जानबूझकर यह कर रही है ताकि इन वर्गों के लोगों को आरक्षण से दूर रखा जा सके। बीएसपी चीफ मायावती ने भी यूपीएससी के इस विज्ञापन का विरोध किया है और कहा है कि इससे नीचे पदों पर काम कर रहे कर्मचारियो को पदोन्नति से वंचित होना पड़ेगा। बता दें कि इन पदों पर पहुंचने के लिए आईएएस अधिकारी को भी लंबे समय तक काम करना पड़ता है। वहीं इस भर्ती के जरिए बिना परीक्षा के ही लोगों को इन पदों पर भर्ती किया जाएगा। यह प्राइवेट सेक्टर के लोगों के लिए मौका है।
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