भोपाल
शहरों में किये जा रहे निर्माण या पुनर्निर्माण कार्य से निकलने वाले मलवे को विध्वंस अपशिष्ट कहा जाता है। नगरीय विकास विभाग द्वारा इस अपशिष्ट का रिसाइकिल और रियूज किया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत इस कार्य को करने के लिये नगरीय निकाय द्वारा ठोस कदम उठाये गये हैं।
निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट ईंटों, टाइल्स, पेवर ब्लॉक्स आदि को आकार देते हुए “वेस्ट टू वेल्थ’’ में परिवर्तित किया जा रहा है। नगरीय निकाय द्वारा निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट (सी एण्ड डी वेस्ट) को दोबारा इस्तेमाल करने योग्य उत्पाद बनाये जा रहे हैं, ताकि कहीं खुले में मलबे के ढेर न लगें और पर्यावरण भी साफ-सुथरा रहे। नगरीय निकाय द्वारा यह अपशिष्ट मलबा संग्रहण वाहन द्वारा प्रोसेसिंग प्लांट तक लाया जाता है। इसके लिये नगरीय निकायों द्वारा टोल-फ्री हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किये गये हैं।
प्रदेश में स्वच्छ भारत, मिशन शहरी के अंतर्गत नगरीय निकायों द्वारा “सी” एण्ड “डी” अपशिष्ट संग्रहण के लिये अभियान चलाया गया। “सी” एण्ड “डी” संग्रहण के लिये सोशल मीडिया और नगर में काम कर रहे कचरा वाहन से व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। शहरी क्षेत्र में अनधिकृत रूप से पड़े “सी” एण्ड “डी” वेस्ट का संग्रहण कर प्र-संस्करण इकाई तक परिवहन किया गया। निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट उठवाने के लिये निर्धारित शुल्क नागरिकों द्वारा जमा किया गया। प्रदेश के 372 नगरीय निकायों ने 1318 स्थानों पर अनधिकृत रूप से “सी” एण्ड “डी” वेस्ट को चिन्हित किया। नगरीय निकाय द्वारा 2428 टन “सी” एण्ड “डी” का संग्रहण कर प्र-संस्करण इकाई तक वाहनों के माध्यम से परिवहन किया गया।
Source : Agency
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