अलवर.
टाइगर 2303 अब हरियाणा से वापस अलवर जिले में पहुंच गया है। ट्रेंक्यूलाइज करने वाली टीम लगातार 2303 के पीछे लगी हुई है। अलग नई टेरेटरी बनाने के लिए यह टाइगर दो बार यहां से निकल कर हरियाणा पहुंच चुका है। यह टाइगर अब तक पांच लोगों को घायल कर चुका है, जिनमें चार जने मुंडावर के दरबार पूरा गांव के ही थे।
इन चारों घायलों को उपचार के लिए अलवर के जनरल हॉस्पिटल लाया गया है। हरियाणा से यह टाइगर वापस जिले में पहुंच गया है या नहीं इसकी जानकारी नहीं मिली है। इधर बानसूर क्षेत्र में जिस टाइगर की लोकेशन आ रही है, इसके पहले लेपर्ड होने की सूचना आ रही थी, लेकिन बाद में पता चला की यह टाइगर ही है। इसका पता भी तब चला जब इसके पगमार्क उठाये गए। सरिस्का के रेंजर शंकर सिंह ने बताया कि पहले टाइगर के पगमार्क झाबुआ के निकट साबी नदी के आसपास देखे गए थे। उधर अकबरपुर रेंज से 2305 टाइगर भी बीस दिन पहले निकला है। अब कौन सा टाइगर कहां विचरण कर रहा है, इसका पता नहीं चल रहा है। पहले जब 2303 निकला था, तब उसके रेडियो कॉलर लगाने की आवश्यकता भी महसूस की गयी थी, लेकिन वह भी नहीं लगाया गया। अब दोबारा इसके निकलने से वन विभाग की सांस फूली हुई है। लोगों में भी भय का माहौल है और उन्होंने अपने जानवरों को बाहर खुले में बांधना बन्द कर दिया है।
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