Thursday, 31 October

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की चाल का विशेष महत्व होता है। ग्रहों की चाल और कुंडली में इनकी स्थिति से ही जातक के भाग्य का फैसला होता है। ग्रह एक निश्चित अंतराल पर एक से दूसरी राशि में गोचर करते हैं, जिसके चलते शुभ और अशुभ योगों का निर्माण होता है। ग्रहों की किसी एक राशि में युति होने से इसका प्रभाव सभी राशियों के जातकों के ऊपर पड़ता है।

ग्रहों की युति से बनने वाला एक शुभ महालक्ष्मी योग भी है। यह योग बहुत ही दुर्लभ और कम लोगों की कुंडली में ही बनता है। इस योग के बनने पर जातक के जीवन में धन की कोई कमी नहीं होती है। ऐसे लोगों को धनवान बनने से कोई नहीं रोक सकता है। यह योग बनने से जातक को अपने संपूर्ण जीवन में मान-सम्मान और प्रसिद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कैसे और कब यह महालक्ष्मी योग बनता है।

कुंडली में महालक्ष्मी योग
महालक्ष्मी योग जैसा कि नाम से स्पष्ट हो रहा है कि यह एक बहुत ही सुंदर और शुभ योग है। जब किसी की लग्न कुंडली में मंगल और चंद्रमा दोनों ही ग्रह एक साथ कुंडली के किसी भी भाव में एक साथ होकर युति करते हैं तो इसे महालक्ष्मी योग कहते हैं। मंगल-चंद्रमा की युति से महालक्ष्मी योग का निर्माण होता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब मंगल-चंद्रमा की युति कुंडली के कुछ विशेष भावों में होती है तो ऐसा जातक अपने जीवन में असीम सफलताओं को प्राप्त करता है। महालक्ष्मी योग का सबसे ज्यादा फायदा तब मिलता है जब मंगल-चंद्रमा कुंडली दूसरे, नवम, दशम और एकादश भाव में होता है। इस योग के बनने से अगर किसी जातक का जन्म गरीब या मध्यम वर्ग में हुआ हो तो जातक खूब धनवान और मान-सम्मान को प्राप्त करने वाला होता है।
 
कुंडली में महालक्ष्मी योग बनने से व्यक्ति अपने थोड़े से ही प्रयासों में बड़ी सफलता प्राप्त करते हुए ढ़ेर सारा धन एकत्रित करता है। इस तरह के लोग बहुत ही मेहनती, महत्वाकांक्षी तो होते ही हैं, साथ-साथ ये क्रोधी स्वभाव भी होते हैं। जब किसी की कुंडली में यह योग बनता है तो व्यक्ति को कभी भी कोई पैसों से जुड़ी परेशानियां नहीं आती है। लेकिन दूसरी तरफ अगर यही महालक्ष्मी योग अगर कुंडली के खराब भावों में बने तो तो व्यक्ति का चरित्र अच्छा नहीं होता है।

महालक्ष्मी योग को महाभाग्य योग के नाम से भी जाना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में यह योग बनता है उसके ऊपर हमेशा ही मां लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है। नौकरी-व्यापार में ऐसे लोग बहुत ही सफल होते हैं। ऐसे लोगों को समाज में हमेशा मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।


Source : Agency

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