Saturday, 28 December

पांढुर्णा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पांढुर्णा जिला संगठन में जिलाध्यक्ष के चयन को लेकर प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। रायशुमारी के माध्यम से संभावित नामों का चयन किया गया और पैनल तैयार कर प्रदेश नेतृत्व को भेजा गया। इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व इन नामों का आकलन कर अंतिम निर्णय करेगा।

जिलाध्यक्ष चयन प्रक्रिया: पहली बार नई रणनीति
भाजपा ने पहली बार लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तरह जिलाध्यक्षों के चयन के लिए विस्तृत और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई है। पार्टी ने तय किया है कि संगठनात्मक क्षमता, सामाजिक समीकरण, और नेतृत्व कौशल को प्राथमिकता दी जाएगी।

चयन प्रक्रिया का स्वरूप
भाजपा जिला कार्यालय में 12 मंडल अध्यक्षों, तीनों तहसीलों (पांढुर्णा, सौंसर, नांदनवाड़ी) के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ रायशुमारी की गई। रायशुमारी के आधार पर तीन-तीन नामों का पैनल तैयार किया गया। सभी नाम प्रदेश भाजपा कार्यालय भेजे गए, जहां से यह सूची केंद्रीय नेतृत्व को भेजी जाएगी। केंद्रीय नेतृत्व दावेदारों का मूल्यांकन कर अंतिम चयन करेगा।

प्रबल दावेदार और सामाजिक समीकरण
जिलाध्यक्ष पद के लिए कई नाम चर्चा में हैं। इनमें मुख्यतः कुनबी समाज से वर्तमान जिलाध्यक्ष श्रीमती वैशाली ताई महाले, राहुल मोहोड़, संदीप मोहड़, देवीदास राउत, वही पावर समाज से श्रीमती सुनीता यादवराव डोबले, क्रिष्णकुमार डोबले और तेली समाज से श्रीमती मीनाक्षी ताई खुरसंगे, ठाकुर समाज से नरेंद्र परमार जैसे दावेदार भी चर्चा में रहे। हालाकि संगठन नेतृत्व में प्रबल नाम वर्तमान जिलाध्यक्ष श्रीमती वैशाली महाले का माना जा रहा है।

केंद्रीय नेतृत्व करेगा अंतिम फैसला
संगठन ने सामाजिक समीकरण और कार्यकर्ताओं की अनुभवजन्य क्षमता को ध्यान में रखते हुए पैनल तैयार किया है। केंद्रीय नेतृत्व सभी नामों का आकलन करेगा और जनवरी 2025 तक जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा संभव है।

संघ की पृष्ठभूमि और संगठनात्मक अनुभव को मिलेगी प्राथमिकता
भाजपा ने स्पष्ट किया है कि ऐसे कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी, जो लंबे समय से संगठन से जुड़े हैं, जिनकी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पृष्ठभूमि है, और जिन्होंने संगठन में अनुकरणीय कार्य किया है।

भाजपा की नई रणनीति
इस बार भाजपा ने जिलाध्यक्ष चयन में पारदर्शिता और संगठनात्मक शक्ति को बढ़ाने के लिए नई रणनीति अपनाई है। पार्टी का उद्देश्य है कि सक्षम और प्रभावी नेतृत्व तैयार किया जाए, जो आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में संगठन को मजबूत कर सके।


Source : Agency

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