भोपाल
देश के विकास के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गरीब, युवा, किसान और नारी (GYAN) पर ध्यान का मंत्र दिया है। प्रधानमंत्री के मंत्र को ध्येय बनाकर इसके एक प्रमुख स्तंभ किसान के विकास के लिए कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने का उद्देश्य इस मिशन का प्रमुख ध्येय है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि किसान कल्याण मिशन का लक्ष्य किसानों की आय में वृद्धि है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के अनुसार किसान सशक्तिकरण किसी भी सरकार के लिए प्राथमिकता है। इस पर अमल के जरिये ही देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों की आय दोगुनी करने, उन्हें तकनीक-प्रेमी बनाने और कृषि-संबंधी बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लक्ष्य पर काम कर रही है।
मध्यप्रदेश का कृषि उत्पादन में निरंतर अग्रणी स्थान रहा है। प्रदेश को 7 बार कृषि कर्मण अवॉर्ड भी प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना, अब प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के नाम से लागू है। अटल कृषि योजना से भी लगभग 26 लाख 59 हजार कृषि उपभोक्ता लाभान्वित हो रहे हैं।
प्रदेश में प्रतिदिन गैर-कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय की जा रही है। प्रदेश में वर्तमान में कुल विद्युत उपलब्ध क्षमता 24 हजार 108 मेगावॉट है। मध्यप्रदेश, विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में सरप्लस की स्थिति में है। कृषकों को सौर ऊर्जा लाभान्वित करने के लिये प्रदेश में अस्थायी विद्युत कनेक्शन लेने वाले लगभग सवा लाख किसानों को सौर ऊर्जा के पंप प्रदाय किये जाएंगे। आगामी 4 वर्ष में सौर ऊर्जा पम्प प्रदान कर किसानों को विद्युत आवश्यकताओं के लिये आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। किसानों को अधिक दाम प्रदान करने वाली फसलों को लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। फसल विविधीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रदेश के सिंचित क्षेत्र का रकबा अगले 5 वर्ष में 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 100 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य है।
रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना में किसानों को 1 हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम 3,900 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जा रही है। शून्य प्रतिशत ब्याज पर अल्पकालीन फसल ऋण के लिए इस वर्ष 600 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। विगत वर्ष में किसानों को समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं पर प्रति क्विंटल 125 रुपये का बोनस प्रदाय किया गया। देश में पहली बार राज्य सरकार ने सोयाबीन का 4,892 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर उपार्जित करने का निर्णय लिया गया है। लगभग 2 लाख किसानों से प्रदेश में पहली बार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन का उपार्जित कर 3 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि का भुगतान किया गया। खरीफ-2024 में 1.23 लाख क्विंटल से अधिक प्रमाणित बीज का वितरण किया गया। किसानों को उर्वरक प्रदाय करने के लिए केंद्रों की संख्या बढ़ाने के साथ ही अमानक उर्वरक बेचने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने और उर्वरक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं की भूमिका को सक्रिय बनाकर किसान हित सुनिश्चित किया गया।
किसानों के हित में काम कर रही मध्यप्रदेश सरकार
कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023-24 में शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषकों को अल्पावधि फसल ऋण दिए जाने की योजना लगातार लागू रखने का निर्णय।
मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना अब प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के नाम से लागू।
सात जिलों (उमरिया, अलीराजपुर, बैतूल, मण्डला, खण्डवा, सीधी एवं सीहोर) में 71 हजार 345 हेक्टेयर वन क्षेत्र को लघु वनोपज के निर्यात के लिए जैविक प्रमाण-पत्र मिला।
4 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि की दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना स्वीकृत। नीमच और जावर तहसील के गांवों को मिलेगी सिंचाई की सुविधा।
1011 करोड़ रुपए लागत की बहोरीबंद उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना स्वीकृत।
32 हजार करोड़ रुपए की सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने हेतु बनेगी मुख्यमंत्री सिंचाई टास्क फोर्स।
उज्जैन में चना अनुसंधान संस्थान और डिंडौरी में श्रीअन्न अनुसंधान संस्थान स्थापित करने का निर्णय।
5 वर्षों में दाल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मिशन दाल शुरू किए जाने का निर्णय। दाल-विशिष्ट किसान उत्पादक संगठन होंगे स्थापित।
एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना में 5 हजार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट स्वीकृत कर देश में प्रथम स्थान पर मध्यप्रदेश।
पशुपालकों को पशु उपचार की घर पहुंच सुविधा उपलब्ध कराते हुए 400 से अधिक मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयां संचालित।
प्रत्येक ग्राम पंचायत में पीएम किसान समृद्धि केंद्र की होगी स्थापना।
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