Wednesday, 5 February

भोपाल। नगर निगम भोपाल में पूर्व में पदस्थ रहे विवादित सहायक पंत्री बृजराज सिंह सेंगर ने चुनाव आचार संहिता के ठीक पहले अपनी पदस्थापना एक बार फिर नगर निगम में करवा ली है। शासन द्वारा जारी आदेश में सेंगर को नगर निगम भोपाल में कार्यपालन यंत्री सिविल के तौर पर पदस्थ समय तक रिलीव ही नहीं किया था। करने की बात कही गई है। आदेश जारी होते ही सेंगर ने सीधे नगर निगम में कार्यभार ग्रहण कर लिया, जबकि सूत्रों का कहना है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने उन्हें रिलीव नही लिया था।

जानकारी के अनुसार सेंगर की डिग्री को लेकर पूर्व में शिकायतें हुई। उन्होंने डिप्लोमा तो भोपाल से किया था, लेकिन पत्राचार के माध्यम से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है। इस डिग्री की पदोन्नति के लिए मान्यता नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से पूर्व में भी दूरस्थ शिक्षा वाली इंजीनियरिंग डिग्री को अमान्य करते हुए पदोन्नति निरस्त करने के आदेश जारी किए थे। प्रदेश के ग्रामीण अभियांत्रिकी विभाग में आधा दर्जन ऐसे अधिकारियों को वापस पदावनत कर दिया गया था लेकिन नगर निगम में इन पर कोई कार्रवाई नहीं को गई। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने भी सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था लागू नहीं की और पत्राचार से डिग्री लेने वाले अधिकारियों के खिलाफ शिकायत नस्तीबद्ध कर दी गई। शिकायतों को भी दबा दिया गया। अब फिर से सहायक यंत्री की कार्यपालन यंत्री के रूप में पदस्थ कर दिया गया है। इस मामले को लेकर निर्वाचन आयोग को भी शिकायत की जा रही है। इस अधिकारी को शिकायतों के आधार पर ही नगर निगम से हटाया गया था। 

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