नई दिल्ली
इस साल विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक के लिए विश्वभर के तमाम नेता, नीति निर्माता और उद्योग जगत के दिग्गज स्विट्जरलैंड के दावोस में जुटेंगे। पांच दिवसीय बैठक आर्थिक विकास की गति बढ़ाने, नई तकनीकों का इस्तेमाल करने और सामाजिक और आर्थिक स्थिरता को मजबूत करने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित होगी। इस बैठक में केंद्रीय आईटी, प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। विश्व आर्थिक मंच की 55वीं वार्षिक बैठक 20 से 24 जनवरी तक होगी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दावोस में विश्व आर्थिक मंच 2025 के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की परिवर्तनकारी डिजिटल यात्रा में वैश्विक रुचि पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया भारत की आर्थिक नीतियों, डिजिटल इंडिया कार्यक्रम द्वारा लाए गए डिजिटल परिवर्तन और समाज के सभी वर्गों के नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए प्रौद्योगिकी के लोकतांत्रिकीकरण के तरीकों को समझने के लिए उत्सुक है।
विश्व आर्थिक मंच 2025 के एजेंडे के बारे में बात करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों में वैश्विक स्तर पर काफी रुचि है, जो दावोस में विश्व आर्थिक मंच में चर्चा का केंद्र बिंदु होगी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत की विकास कहानी, खास तौर पर डिजिटल परिवर्तन और नए डिजिटल आर्किटेक्चर को लेकर काफी दिलचस्पी है।
विश्व आर्थिक मंच 2025 में भारत की भागीदारी का उद्देश्य साझेदारी को मजबूत करना, निवेश आकर्षित करना और देश को सतत विकास और तकनीकी नवाचार में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है। देश इस बार विश्व आर्थिक मंच में पांच केंद्रीय मंत्रियों, तीन मुख्यमंत्रियों और कई अन्य राज्यों के मंत्रियों को भेज रहा है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल, के राम मोहन नायडू, चिराग पासवान और जयंत चौधरी भी शामिल हैं। इसके अलावा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू जैसे प्रमुख नेता भी चर्चा में हिस्सा लेंगे।
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