Tuesday, 17 December

नई दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर से प्रदूषण की मार पड़नी शुरू हो गई है। धीरे-धीरे हवा जहरीली होती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण वाले कानून को लेकर केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को फिर से फटकार लगाई और बताया कि यह किसी काम का नहीं है। कोर्ट ने कहा कि पराली जलाने पर जुर्माने से संबंधित सीएक्यूएम अधिनियम के प्रावधानों को लागू नहीं किया गया है। कोर्ट ने पर्यावरण कानूनों को ‘बेकार’ बनाने के लिए केंद्र की आलोचना की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना सभी लोगों का मौलिक अधिकार है और नागरिकों के अधिकारों को बरकरार रखना केंद्र और राज्य सरकारों का कर्तव्य है।

जस्टिस अभय एस ओका, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 (सीएक्यूएम अधिनियम) को वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के प्रावधान को लागू करने के लिए आवश्यक तंत्र बनाए बिना ही लागू किया गया। कोर्ट की सुनवाइयों पर रिपोर्ट करने वाली वेबसाइट ‘लाइव लॉ’ के अनुसार जस्टिस अभय ओका ने कहा, “भारत सरकार ने कोई तंत्र नहीं बनाया है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम शक्तिहीन हो गया है। आपने धारा 15 में संशोधन करके दंड की जगह जुर्माना लगा दिया है और जुर्माना लगाने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा सकता है।”

केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि सीएक्यूएम अधिनियम की धारा 15, जो पराली जलाने पर दंड का प्रावधान करती है और उसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 10 दिनों के भीतर आवश्यक नियम जारी कर दिए जाएंगे। इसके अलावा, शीर्ष अदालत ने पराली जलाने के लिए लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने के लिए पंजाब और हरियाणा सरकारों की भी कड़ी आलोचना की। कोर्ट ने कहा कि अगर ये सरकारें वास्तव में कानून को लागू करने में रुचि रखतीं तो कम-से-कम एक मुकदमा तो होता।

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव से कहा कि करीब 1080 उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन आपने केवल 473 लोगों से मामूली जुर्माना वसूला है। आप 600 या उससे ज्यादा लोगों को छोड़ रहे हैं। हम आपको साफ-साफ बता दें कि आप उल्लंघनकर्ताओं को यह संकेत दे रहे हैं कि उनके खिलाफ कुछ नहीं किया जाएगा। यह पिछले तीन सालों से हो रहा है। बता दें कि पिछले कई सालों की तरह इस साल भी दिल्ली-एनसीआर में ठंड आने के पास हवा जहरीली हो गई है। 23 अक्टूबर को, दिल्ली में सुबह 7 बजे तक वायु गुणवत्ता 349 पर बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई।


Source : Agency

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