संभल
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुए बवाल को लेकर पुलिस अब सख्त कार्रवाई कर रही है. पुलिस ने दो महिलाओं सहित 21 लोगों को हिरासत में ले लिया है. वहीं एहतियात के तौर पर जिले में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. इसके अलावा स्कूल-कॉलेज भी बंद कर दिया गया है. जिले में भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. संभल के आसपास के जिलों में भी सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है. बीते रविवार को मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें तीन युवकों की मौत हो गई. मृतकों की पहचान नईम और बिलाल के रूप में की गई है. बरेली, अमरोहा, रामपुर और मुरादाबाद में भी पुलिस की तैनाती की गई है.
संभल हिंसा का असर बाजार में देखने को मिला
संभल में हिंसा का असर देखने को मिल रहा है, जिले का बाजार बंद है. इक्का-दुक्का दुकानें बस खुली हुई हैं. हिंसक घटनाओं से बाजार के व्यापारी डरे हुए हैं. सिर्फ बहुत जरूरी कामों से ही घर से निकल रहे हैं लोग. बाजार से ग्राहक नदारद हैं. हिंसा से व्यापार का बड़ा नुकसान. संभल शहर इलाके में बंद हैं बाजार. प्रशासन ने शुरू की बाजार खुलने की कवायद. एसडीएम व सीओ ने व्यापारियों से बैठक कर बाजार खोलने की अपील की.
संभल हिंसा पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने किया पोस्ट
संभल हिंसा पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ऐक्स पर लिखा कि संभल, उत्तर प्रदेश में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाज़ी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और बिगाड़ दिया और कई लोगों की मृत्यु का कारण बना – जिसकी सीधी ज़िम्मेदार भाजपा सरकार है। भाजपा का सत्ता का उपयोग हिंदू-मुसलमान समाजों के बीच दरार और भेदभाव पैदा करने के लिए करना न प्रदेश के हित में है, न देश के। मैं सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर न्याय करने का अनुरोध करता हूं। मेरी अपील है कि शांति और आपसी सौहार्द बनाए रखें। हम सबको एक साथ जुड़ कर यह सुनिश्चित करना है कि भारत सांप्रदायिकता और नफ़रत नहीं, एकता और संविधान के रास्ते पर आगे बढ़े।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संभल हिंसा पर दिया बयान
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संभल हिंसा पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘न्यायपालिका के आधार पर वहां सर्वे का काम चल रहा था, जो घटना हुई वो दुखद है, निषपक्ष कार्रवाई होगी.’
सर्वे के दौरान भड़की हिंसा, अचानक तीन हजार की भीड़ जमा रविवार सुबह 6:30 बजे डीएम-एसपी के साथ एक टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। टीम को देखकर मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। कुछ ही देर में करीब दो से तीन हजार लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने पथराव कर दिया।
इसके बाद भगदड़ जैसे हालात हो गए। छतों से भी पथराव शुरू हो गया, पुलिस को भागना पड़ा। बवाल इतना बढ़ गया कि पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले दागे, फिर लाठीचार्ज करके भीड़ को खदेड़ा।
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