गाबा
ये जनरेशन यह नहीं सोचती कि कौन गेंदबाजी कर रहा है, बल्कि सिर्फ गेंद को देखती है…टीम इंडिया के उभरते सितारे शुभमन गिल ने गाबा टेस्ट से पहले ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को चेताते हुए ये बात कही। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शनिवार, 14 दिसंबर से बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा मुकाबला ब्रिस्बेन में खेला जाना है। मैच से पहले शुभमन गिल प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए तो उन्होंने बताया कि 2021 में गाबा में जीत दर्ज करने के बाद जब वह और साथी खिलाड़ी दोबारा इस मैदान पर उतरे तो पुरानी यादें ताजा हो गईं।
गाबा की विकेट के बारे में गिल ने कहा कि खिलाड़ियों को एक बार खेलने के बाद पता चल जाएगा कि विकेट कैसा है, उन्होंने साथ यह भी कहा कि देखने में विकेट काफी अच्छा लग रहा है। टीम इंडिया को एडिलेड में खेले गए डे-नाइट टेस्ट में 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था जिसके बाद यह सीरीज 1-1 की बराबरी पर खड़ी है।
गुलाबी गेंद के बारे में पूछे जाने पर गिल ने कहा, “गुलाबी गेंद अलग होती है। यह थोड़ी कठिन होती है। हम लाल गेंदों के ज्यादा आदी हैं। रात में खेलने से इसकी स्पीड, सीम और हाथ की स्थिति का अंदाजा लगाना थोड़ा मुश्किल होता है।”
मानसिक फिटनेस पर जोर देते हुए गिल ने कहा, “मुझे लगता है कि जिस तेजी के साथ यहां खेल खेले जाते हैं, वही इसे चुनौतीपूर्ण बनाता है। यहां मानसिक और फिटनेस की जरूरत है। परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं, लेकिन मुझे लगता है कि दूसरी नई गेंद तक 35 ओवर बल्लेबाजी करना आसान हो जाता है।”
गाबा में अहम टेस्ट खेलने के बारे में गिल ने कहा, “अगर आप नहीं जीते हैं तो आपको डर लगेगा। हम पिछली बार जीते हैं और भारत में भी। यह पीढ़ी यह नहीं सोचती कि कौन गेंदबाजी कर रहा है और सिर्फ गेंद को देखती है।”
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