मनेन्द्रगढ़/एमसीबी
जिले में पहली बार जिला पंचायत के 10 सदस्यों का निर्वाचन प्रस्तावित है। छत्तीसगढ़ पंचायत निर्वाचन नियम 1995 (2024) संशोधन नियम के अनुसार, नियम 04 के बिंदु क्र. 03 के तहत सबसे पहले अनुसूचित जनजाति का आरक्षण किया जाएगा, इसके बाद अनुसूचित जाति का आरक्षण किया जाएगा। आरक्षण प्रवर्गवार अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति का अवरोही क्रम के प्रतिशत के आधार पर किया जाएगा। इस प्रक्रिया में कुल 10 जिला पंचायत सदस्यों में से अनुसूचित जनजाति के 07, अनुसूचित जाति के 01 और अनारक्षित के 02 पद आरक्षित होंगे। अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग के लिए आरक्षित क्षेत्र में अधिकतम प्रतिशत वाले निर्वाचन क्षेत्रों को सर्वप्रथम आरक्षित किया जाएगा। यदि यह निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति प्रवर्ग में उच्चतम स्तर पर आता है तो इस क्षेत्र को छोड़कर निचले क्रम वाले क्षेत्र को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 की धारा 30 के अंतर्गत जिला पंचायत में प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरे जाने वाले स्थानों की कुल संख्या में से कम से कम 50 प्रतिशत स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। इनमें अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की महिलाओं के लिए आरक्षित स्थान भी शामिल हैं। इस प्रक्रिया के तहत अनुसूचित जनजाति की कुल 07 सीटों में से 50 प्रतिशत महिला आरक्षण के आधार पर 04 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी। अनुसूचित जाति की कुल 01 सीट में से 50 प्रतिशत महिला आरक्षण के आधार पर यह 01 सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होगी। अनारक्षित की कुल 02 सीटों में से 50 प्रतिशत महिला आरक्षण के आधार पर 01 सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होगी। इस प्रकार कुल 10 सीटों में से 06 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।
जिला पंचायत में पहली बार निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न की जा रही है। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में महिलाओं के आरक्षण की प्रक्रिया प्रत्येक प्रवर्ग में लाटरी के माध्यम से की जाएगी। अनुसूचित जाति की 01 सीट होने के कारण यह नियमानुसार महिला के लिए आरक्षित रहेगी। पेसा (PESA) नियम लागू होने के कारण जिले की तीनों जनपद पंचायतों में अध्यक्ष पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रहेंगे। इनमें से 02 महिला सीटें लाटरी के माध्यम से आरक्षित की जाएंगी।
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