Wednesday, 15 January

भोपाल

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा कि सोलराइजेशन का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य केन्द्र में नियमित बिजली पर निर्भरता को कम करना और बिजली बिल को घटाना है। फ़्यूजन फाइनेंस द्वारा 20 किलोवाट के सोलर पैनल स्थापित किया गया है, इससे केवल ऊर्जा खर्च कम होने के साथ स्वास्थ्य केंद्र को एक स्थिर और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा स्रोत प्रदान करना भी है। मंत्री शुक्ला मंगलवार को भिंड में फ्यूजन फाइनेंस लिमिटेड द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेहगांव में सफलतापूर्वक लगाए गए 20 किलोवॉट सोलराइजेशन प्रोजेक्ट के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे।

मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेहगांव में लगाए गए 20 किलोवॉट सोलराइजेशन प्रोजेक्ट का उद्देश्य वर्तमान में खर्च हो रही विद्युत ऊर्जा को हरित और सस्ती ऊर्जा से परिवर्तित करना है। ऊर्जा के बिना विकास संभव नहीं है और यह वर्तमान में विकास के लिए सबसे बड़ी जरूरत है। इसलिए, अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में हमने 52 हजार पंपों के टैंडर निकाले हैं, उनमें पांच साल की गारंटी के साथ सोलर मोटर और 25 साल की गारंटी के साथ पैनल रहेगा। साथ ही उसमें केवल बोर किसान का होगा। इसके लिये 30 प्रतिशत सब्सिडी भारत सरकार और 30 प्रतिशत सब्सिडी राज्य सरकार दे रही है।

मंत्री शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में प्रदेश में नवकरणी ऊर्जा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का मानना है कि बिजली के भार को अक्षय ऊर्जा के माध्यम से ही कम किया जा सकता है। इसलिए आने वाले दिनों में सिस्टम को और अधिक बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

मंत्री शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में कुसुम ए, बी और सी” ये तीन योजनाएं हैं जिसमें कुसुम-ए में अपनी 15 बीघा जमीन पर 2 मेगावाट का सोलर पैनल लगा सकते हैं, लेकिन वो 33केवी सबस्टेशन के 5 किमी. के दायरे में होना चाहिए, इसके लिये पूरा लोन सरकार देगी और इसका एक छोटा सा अंश किसान को देना होगा। इससे बनने वाली अतिरिक्त बिजली 22 वर्ष तक मध्यप्रदेश सरकार खरीदेगी।

 


Source : Agency

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