Friday, 13 December

बिलासपुर.

हिंदू धर्म में काल भैरव जयंती का बड़ा धार्मिक महत्व है. शुभ दिन पर साधक भगवान शिव के उग्र स्वरूप काल भैरव जी की पूजा करते हैं. वैदिक पंचांग के अनुसार, काल भैरव जयंती मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. रतनपुर स्थित सिद्ध तंत्र पीठ भैरव मंदिर में प्रति वर्ष की भांति मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को भैरव बाबा की जयंती श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाई जा रही है.

भैरव बाबा का सुबह एक क्विंटल गेंदे के फूल व नरमुंड के माले से शृंगार होगा. राज्योपचार, नमक-चमक विधि से बाबा की विशेष पूजा-अर्चना 21 दैदिक पंडितों के द्वारा ​किया गया. साथ ही भैरव बाबा को 56 प्रकार के भोग लगाए जाएंगे. फिर महाआरती की जाएगी. इसके बाद भक्तों के दर्शन के लिए बाबा पट रात भर खुला रहेगा. मंदिर के महंत पं. जागेश्वर अवस्थी ने बताया कि 9 दिवसीय कार्यक्रम चल रहा है. 9 दिनों तक रुद्राभिषेक किया जा रहा है. रात में बाबा को तंत्र साधना के साथ आहुतियां डाली जा रहीं हैं. पूरे दिन मंदिर आने वाले भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन किया जा रहा है. महंत अवस्थी ने बताया कि बाबा के दर्शन के लिए प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों से भी लोग पहुँचेंगे.

भैरव जयंती पर बाबा की होगी राजश्री श्रृंगार
काल भैरव जी का राजश्री श्रृंगार किया जाता है, जिसमें खास नरमुंड के माले विभिन्न प्रकार के फूलों से श्रृंगार किया जाता है, जिससे अति आकर्षक और दिव्य रूप में भैरव श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं. नगर सहित प्रदेश भर में भैरव भक्तों में को भैरव जयंती का इंतजार रहता है. प्रदेश भर से भैरव भक्त पहुंच कर कामनाओं की पूर्ति के लिए बाबा से प्रार्थना करते है. पूजन में पं. दिलीप दुबे, पं. महेश्वर पाण्डेय, पं. राजेंद्र दुबे, पं. कान्हा तिवारी विक्की अवस्थी, सोनू, आचार्य गिरधारी लाल पाण्डेय, पं. अवनीश मिश्रा, पं. बल्ला दुबे, पं. गौरीशंकर तिवारी, पं. राम सुमित तिवारी, यशवत पाण्डेय, करा रहे हैं.


Source : Agency

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