जयपुर।
राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के दूसरे दिन मंगलवार को अमेरिका (यूएसए) कंट्री सेशन में सप्लाई चेन और मैन्युफैक्चरिंग पर गहन चर्चा हुई। इस सत्र को राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेंद्र सिंह ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान अब केवल एक रेगिस्तानी राज्य नहीं, बल्कि उभरते हुए अवसरों की भूमि है। उन्होंने भारत-अमेरिका साझेदारी को आर्थिक समृद्धि और रोजगार सृजन के लिए अत्यंत लाभकारी बताया।
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और भारत जल्द ही तीसरा सबसे बड़ा आर्थिक लोकतंत्र बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने उल्लेख किया कि अमेरिकी कंपनियां पहले ही भारत में 1000 से अधिक उद्योग संचालित कर रही हैं और Apple जैसी कंपनियों ने भारत में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की है। राजस्थान की भूमिका पर जोर देते हुए, उन्होंने बताया कि राज्य दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का 30% हिस्सा कवर करता है और भौगोलिक स्थिति उद्योग और लॉजिस्टिक्स के लिए आदर्श है।
निवेश के लिए आदर्श राज्य है राजस्थान—
मंत्री श्री गजेंद्र सिंह ने कहा कि राजस्थान में एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी, भारतमाला योजना, और पीएम गतिशक्ति पोर्टल जैसे प्रोजेक्ट्स ने निवेशकों के लिए शानदार आधारभूत ढांचा उपलब्ध कराया है। उन्होंने राज्य के युवा कार्यबल और प्रतिभा के भंडार पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन और मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की प्रतिबद्धता ने इस समिट को संभव बनाया है।
तकनीकी नवाचार और वैश्विक साझेदारी पर जोर—
सत्र की शुरुआत में, यूडीएच के प्रमुख शासन सचिव श्री वैभव गालरिया ने सप्लाई चेन प्रबंधन में तकनीकी नवाचार, जीएसटी कार्यान्वयन, और लॉजिस्टिक्स में राजस्थान की क्षमता पर चर्चा की।
इस दौरान विभिन्न विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए—
चंद्रकांत सलुंखे ने SMEs के लिए निवेश और अनुबंध निर्माण के अवसरों पर प्रकाश डाला। राजिंदर सिंह भाटिया ने मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन में रणनीतिक पहलुओं पर बात की। डॉ. अनिर्बाण अधिकारी ने सप्लाई चेन में स्थिरता चुनौतियों पर चर्चा की। डॉ. बृजेश बारसे ने स्वास्थ्य और कृषि सप्लाई चैन में स्थिरता पर विचार प्रस्तुत किए।
संयुक्त समृद्धि की ओर बढ़ता राजस्थान—
सत्र के अंत में वक्ताओं ने राजस्थान को एक महत्वपूर्ण रक्षा विनिर्माण क्षेत्र और वैश्विक निवेश का केंद्र बनाने के लिए साझा रणनीतियों पर जोर दिया। अंत में श्री गालरिया ने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट ने न केवल राज्य को निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में स्थापित किया, बल्कि भारत-अमेरिका के बीच आर्थिक सहयोग को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए नवीन अवसर पैदा किए है।
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