भरतपुर.
भरतपुर संभाग में डीग जिले के आदि बद्री धाम और कनकांचल पर्वतों को खनन मुक्त कराने के लिए बाबा विजय दास बाबा 16 जनवरी 2021 से धरना दे रहे थे, लेकिन सरकार सुनवाई नहीं कर रही थी। कभी कोरोना का बहाना तो कभी आचार संहिता का बहाना बनाया जा रहा था। तभी बाबा विजय दास ने पसोपा गांव में धरनास्थल के पास 20 जुलाई 2022 को सुबह 11.30 बजे खुद को आग लगा ली थी। जिनकी बाद में उपचार के दौरान दिल्ली में मौत हो गई थी।
इस प्रकरण में पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया था, उसमें एफआर प्रस्तावित कर दी गई। उसके बाद से ही हंगामा खड़ा हुआ है। डीग जिले के पसोपा गांव में बाबा विजयदास ने क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन के विरोध एवं पर्यावरण की रक्षार्थ आत्मदाह किया था। इस प्रकरण में पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें जांच अधिकारी की ओर से एफआर प्रस्तावित की गई थी। उससे मैं सहमत नहीं हूं। उसी आधार पर एडिशनल एसपी कामां को पत्रावाली दुबारा से जांच को दी गई है। इस मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी, किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
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