Sunday, 22 December

जयपुर।

राज्यपाल हरीभाऊ बागडे ने उदयपुर के शिल्पग्राम में पारंपरिक लोक वाद्य नगाड़े का वादन कर “शिल्पग्राम उत्सव 2024” का शुभारंभ किया। उन्होंने इस दौरान शिल्पग्राम उत्सव में भाग लेने वाले देश भर चाहे कलाकारों का अभिनंदन और स्वागत करते हुए उनकी प्रस्तुतियों की सराहना की।

उन्होंने कहा कि राजस्थान विविधता की धरती है। यह सात बार नौ त्यौहार की उत्सवधर्मी संस्कृति है। उन्होंने राजस्थान के गौरवमय इतिहास और महाराणा प्रताप के शौर्य की चर्चा करते हुए कहा कि जितना यहां का परिवेश सुरम्य है, उतना ही यहां का शौर्य का इतिहास प्रेरणा देने वाला है। राज्यपाल ने  शिल्पग्राम मेले को बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इसके जरिए लोक कलाकारों, शिल्पकारों और हुनरमंद कारीगरों को मंच मिलता है।  उन्होंने आमजन से भी अपील की की शिल्पग्राम में प्रदर्शित उत्पादों, हस्तशिल्प से जुड़ी वस्तुओं और ग्रामीण क्षेत्र में उत्पादित चीजों की अधिक से अधिक खरीदारी कर यहां आने वाले शिल्पियों को प्रोत्साहित करें। राज्यपाल श्री बागडे ने समारोह में जयपुर के डॉ. रूपसिंह शेखावत (भवाई लोक नृत्य) और महाराष्ट्र के श्री गणपत सखाराम मसगे (कठपुतली एवं चित्रकला) को डॉ. कोमल कोठारी लाइफ टाइम अचीवमेंट लोक कला पुरस्कार प्रदान किया।


Source : Agency

Share.
Exit mobile version