जयपुर।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि हमारा अन्नदाता किसान धरती माता का सच्चा सपूत है। जब किसान खुशहाल समृद्ध होगा तभी विकसित राजस्थान का सपना साकार होगा। हमारी सरकार किसान-पशुपालक के कल्याण के लिए कृतसंकल्पित होकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रदेश के किसानों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए हमने आज किसान सम्मेलन आयोजित किया है।
उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि जब भी किसानों के हित की बात आएगी, राज्य सरकार सदैव आपके साथ खड़ी मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री शर्मा राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर ‘निभाई जिम्मेदारी-हर घर खुशहाली’ की थीम पर आयोजित हो रहे कार्यक्रमों के क्रम में शुक्रवार को अजमेर में आयोजित राज्यस्तरीय किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं खुद एक किसान परिवार में जन्मा हूं। मैंने हल चलाया है और खेती का सारा काम किया है। मैं किसानों के दर्द को भली भांति समझता हूं। इसीलिए हमारी सरकार ने वर्ष 2027 तक किसानों को दिन में बिजली देने का लक्ष्य तय किया है।
प्रधानमंत्री के लिए किसानों का हित सबसे पहली प्राथमिकता—
श्री शर्मा ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के लिए किसानों का हित सबसे पहली प्राथमिकता है। उनके मन में किसानों का भला करने की अद्भुत इच्छाशक्ति और संकल्प है। प्रधानमंत्री ने महान किसान नेता चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया है, जो ये दर्शाता है कि वे किसानों के प्रति कितना सम्मान रखते हैं। श्री शर्मा ने किसानों को किसान दिवस (23 दिसम्बर) की बधाई देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी ने ही किसान दिवस मनाने की शुरुआत की थी।
ईआरसीपी-ताजेवाला से किसानों को मिलेगा पर्याप्त पानी —
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान की पीड़ा और आकांक्षाओं को समझते हुए पिछले एक साल में राज्य सरकार ने किसान हित में अनेक फैसले लिए हैं। हमने ईआरसीपी परियोजना का एमओयू कर इस पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। शेखावाटी क्षेत्र में भी पानी की कमी को पूरा करने के लिए ताजेवाला से यमुना का पानी लाने के लिए लंबे समय से लंबित एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए हैं। हमारी सरकार अनेक अन्य महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजनाओं पर एक साथ काम कर रही है। जिससे राज्य के किसानों की पैदावार बढ़ सके। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही धौलपुर लिफ्ट परियोजना का भी शुभारंभ किया जाएगा। साथ ही, भूजल के रीचार्ज के लिए प्रवासी राजस्थानी के सहयोग से भी एक नए कार्यक्रम ‘कर्मभूमि से मातृभूमि’ की शुरुआत की जा रही है।
किसान के सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार ले रही लगातार निर्णय—
श्री शर्मा ने कहा कि राइजिंग समिट के दौरान कृषि क्षेत्र में 58 हजार करोड़ रुपये निवेश के ढाई हजार से अधिक एमओयू किए हैं। हमारी सरकार द्वारा 30 लाख किसानों को 20 हजार करोड़ रूपये का अल्पकालीन फसली ऋण का वितरण, 8 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड, 26 हजार सोलर संयंत्रों की स्थापना, 31 स्थानों पर फूड पार्क के लिए भूमि आवंटन, 536 मोबाइल पशु चिकित्सा वाहन, गेहूं, मूंग, मूंगफली तथा सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद, पीएम किसान समृद्धि केन्द्र की स्थापना जैसे निर्णय किए गए हैं। जिससे खुशहाल किसान, समृद्ध किसान के संकल्प को पूरा किया जा सकेगा। विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने चार जातियां बताई हैं, जो कि गरीब, किसान, युवा और महिला है। राज्य सरकार प्रदेश के किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अन्नदाता बदलते समय के साथ खेती-किसानी में नवीन तकनीक को अपनाएं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में श्रीअन्न को बढ़ावा देने की अभिनव पहल की गई है, श्रीअन्न के तहत आने वाली मोटे अनाज की फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने में राजस्थान आगे है। उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राइजिंग —राजस्थान का सफल आयोजन हुआ है, जिसमें 35 लाख करोड़ रुपये के एमओयू हुए हैं। अजमेर जिले में भी विकास को गति प्रदान करने के लिए 14000 हजार करोड़ रुपये के एमओयू साइन किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एक-एक कर सभी संकल्पों को पूरा कर रही है। बजट घोषणाएं भी धरातल पर साकार हो रही हैं। जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री के दूरदर्शी विजन और प्रदेश के आमजन एवं किसानों की खुशहाली के लिए किए जा रहे प्रयासों से ईआरसीपी योजना एवं अन्य महत्वपूर्ण जल योजनाएं साकार होने जा रही है। किसान आयोग अध्यक्ष श्री सी.आर. चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने राजस्थान के किसानों का सम्मान बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि की सौगात दी है। किसानों की पानी और बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए मजबूत फैसले लिए हैं।
मुख्यमंत्री ने किसान कल्याणकारी योजनाओं में किसानों को दिया आर्थिक संबल—
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 70 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि की दूसरी किश्त के रूप में 700 करोड़ से अधिक की राशि का सीधा हस्तान्तरण किया। वहीं, 15 हजार 983 किसानों को ड्रिप/फव्वारा संयंत्रों के लिए 29 करोड़ रूपये से अधिक, 14 हजार 200 से अधिक किसानों को फार्म पौण्ड, पाइपलाइन, तारबन्दी, डिग्गी निर्माण, कृषि यंत्र, जैविक खाद सहित विभिन्न कार्यों के लिए 96 करोड़ से अधिक की राशि व 8 हजार सोलर पंप स्थापना संवेदन के 80 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की। शर्मा ने प्रदेश के 3 लाख 25 हजार पशुपालकों को 5 रूपए प्रति लीटर के आधार पर 200 करोड़ रूपए की सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की गई। साथ ही, कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कृषि संकाय में अध्ययनरत 10 हजार 500 छात्राओं को 22 करोड़ रूपए प्रोत्साहन राशि का डीबीटी भी किया गया। उन्होंने केन्द्रीय प्रवर्तित ‘आत्मा’ योजना के तहत खेती में नवाचार कर रहे 10 प्रगतिशील किसानों का सम्मान किया।
किसान कल्याणकारी नई योजनाओं का हुआ शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना, ऊँट संरक्षण एवं विकास मिशन व 100 गौशालाओं में गौ काष्ठ मशीन उपलब्ध करवाने के कार्य का शुभारम्भ किया। उन्होंने 200 नए बल्क मिल्क कूलर्स, 1000 नए डेयरी बूथ को आवंटन पत्र, एक हजार नए दूध संकलन केन्द्रों की शुरूआत तथा गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के अन्तर्गत 20 हजार गोपालकों को 1 लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया। कार्यक्रम में 5 हजार वन मित्रों को सुरक्षा किट भी वितरित की गई।
मुख्यमंत्री ने किसानों से किया संवाद—
श्री शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तारबंदी योजना, मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि, फॉर्म पौण्ड, फव्वारा अनुदान, स्प्रिंकर्ल्स अनुदान, सहित विभिन्न किसान कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थी किसानों से संवाद किया। संवाद के दौरान नवलगढ़ से श्री रामनिवास चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार हम किसानों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है जिससे उन्हें बहुत राहत मिली है। ऊंट पालक बीकानेर पेमाराम ने बताया कि अब उन्हें प्रति ऊंटनी 10 हजार सहित 4 ऊंटनी के 40 हजार रुपये सहायता राशि मिल रही है। उसके लिए राज्य सरकार का आभार। सीकर के श्री भंवर सिंह ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत दूसरी किस्त राशि प्राप्त हुई है जिससे उन्हें आर्थिक संबल मिला है। मुख्यमंत्री ने 15 हजार किसानों को पीएम कुसुम-बी योजनान्तर्गत सोलर पम्प के लिए 300 करोड़ रूपये के अनुदान व ग्राम सेवा सहकारी समितियों में 150 पैक्स गोदाम निर्माण की 10 करोड़ रूपए की स्वीकृतियां प्रदान की। श्री शर्मा ने काश्तकारों द्वारा अपना खाता पोर्टल पर सीमाज्ञान एवं आपसी सहमति विभाजन के ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत करने हेतु प्रकिया का शुभारंभ किया। इसके तहत आमेट, उनियारा, सिवाना एवं पीपाड़ तहसीलों के सर्वे एवं रिसर्वे पश्चात जमाबन्दियों को ऑनलाइन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने एग्रीस्टेक की फार्मर्स रजिस्ट्री योजना के माध्यम से किसानों के पंजीकरण प्रक्रिया का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में राज्य में सहकारिता क्षेत्र में हो रहे नवाचारों, कार्यक्रमों पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। इससे पहले मुख्यमंत्री ने सभास्थल पर गोकाष्ठ मशीन एवं कृषि में उपयोग होने वाले ड्रोन का अवलोकन किया। इस दौरान राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह लखावत, देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश भडाणा, विधायक श्रीमती अनीता भदेल, श्री शंकर सिंह रावत, श्री शत्रुघ्न गौतम, श्री विरेन्द्र सिंह, श्री रामस्वरूप लाम्बा, श्री जितेन्द्र गोठवाल, श्री लादूलाल पीतलिया, श्री अजय सिंह, श्री रेवंतराम डांगा, श्री लक्ष्मण राम, शासन सचिव पशुपालन श्री समित शर्मा, शासन सचिव कृषि श्री राजन विशाल, जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
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