Sunday, 22 December

उज्जैन

इंदौर के देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू शामिल होने आएंगी और इसी दिन 19 सितंबर को वे महाकाल के दर्शन करने उज्जैन पहुंचेंगी। इसे लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।

19 सितंबर को इंदौर में होने वाले समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल होंगी। इसी दिन वे उज्जैन पहुंचकर महाकालेश्वर के दर्शन करेंगी। राष्ट्रपति भवन से उनका कार्यक्रम जारी होने के बाद उज्जैन में पुलिस प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी हैं। एसपी ने राष्ट्रपति के आगमन की तैयारियों को लेकर बैठक ली । इंदौर में होने वाले कार्यक्रम में प्रोटोकॉल के तहत राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार एवं कई गणमान्यजन भी शामिल हुए ।

द्रौपदी मुर्मू उज्जैन आने वाली देश की 10वीं राष्ट्रपति हैं। उनके पहले रामनाथ कोविंद, प्रणब मुखर्जी, प्रतिभा पाटिल, केआर नारायणन, शंकर दयाल शर्मा, आर. वेंकटरमण, ज्ञानी जेल सिंह, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉ. राजेंद्र प्रसाद उज्जैन आ चुके हैं।

राष्ट्रपति के उज्जैन आकर महाकाल दर्शन करने के कार्यक्रम को लेकर एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि महामहिम के आगमन को लेकर सभी व्यवस्थाएं पुख्ता की जाएंगी। सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम रहेंगे।

राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने वाली जनजातीय समुदाय की पहली महिला द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं और वर्तमान राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्य भी रह चुकी है। वह भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने वाली जनजातीय समुदाय से संबंधित पहली व्यक्ति हैं। मुर्मू, प्रतिभा पाटिल के बाद भारत की राष्ट्रपति के रूप में सेवा करने वाली दूसरी महिला हैं। प्रबुद्ध सोसाइटी द्रौपदी मुर्मू को प्रबुद्ध महिला सम्राट से अलंकृत किया है।

सीएम मोहन यादव के घर भी जा सकती हैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

महाकालेश्वर मंदिर में महामंडलेश्वर, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री और राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के लिए गर्भगृह में जाने का प्रोटोकॉल है. मंदिर प्रशासन का कहना है कि 4:30 बजे से पहले पहुंचने पर राष्ट्रपति का जलाभिषेक और दूध अभिषेक पूजन हो जाएगा. कयास लगाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के घर भी राष्ट्रपति जा सकती हैं. राष्ट्रपति मुख्यमंत्री के पिता स्वर्गीय पूनम चंद यादव को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकती हैं. अभी राष्ट्रपति कार्यालय से पूरा कार्यक्रम आने का प्रशासन को इंतजार है. राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए उज्जैन प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. मिनट टू मिनट कार्यक्रम के बाद तैयारियों में और तेजी आयेगी.

कालिदास समारोह भी राष्ट्रपतियों को करता है आकर्षित

    ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में पूजन की अभिलाषा के साथ ही अखिल भारतीय कालिदास समारोह की ख्याति भी राष्ट्रपति को उज्जैन आने के लिए खींचती रही है।

    अमूमन प्रोटोकॉल की वजह से राष्ट्रपति किसी के घर नहीं जाते, मगर सन् 1958 के कालिदास समारोह उद्घाटन में आए राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने ऐसा किया था।

    डॉ. राजेंद्र प्रसाद प्रोटोकॉल तोड़कर पद्मभूषण साहित्य वाचस्पति पंडित सूर्यनारायण व्यास से मिलने चले गए थे। उन्होंने उनके घर परिवार संग भोजन भी किया था।

    प्रतिभा पाटिल सन् 2008 में अपने भाई रंजीत सिंह के घर उद्घाटन समारोह में आई थीं, तब उनके कार्यक्रम में पहले महाकालेश्वर मंदिर में पूजन कार्यक्रम नहीं जुड़ा था।

 

Source : Agency

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