अयोध्या
प्रभु राम की नगरी अयोध्या में बालक राम का मंदिर भव्यता और दिव्यता के साथ तैयार हो रहा है. मंदिर को दिसंबर 2025 तक तैयार कर लिया जाएगा, लेकिन जब से प्रभु राम अपने मंदिर में विराजमान हुए हैं. तब से हर पर्व हर त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस कड़ी में 11 जनवरी को प्रभु राम की पहली वर्षगांठ भी तीन दिवसीय धूमधाम के साथ मनाया गया, जिसमें अयोध्या के प्रमुख पर्व को लेकर राम मंदिर ट्रस्ट अपनी तरफ से एक कैलेंडर बनवाएगा.
अयोध्या के तीर्थों का विकास कर रही योगी सरकार: राम मंदिर परिसर स्थित अंगद टीला पर तीसरे दिन सबसे पहले रामानुजाचार्य विद्या भास्कर स्वामी वासुदेवाचार्य ने रामकथा के माध्यम से भगवान राम के जीवन चरित्र से लोगों को आत्मसात करने का संदेश दिया. इसके साथी अयोध्या में चल रही विकास के कार्यों को लेकर कहा कि इन दोनों अयोध्या में सड़कों की चौड़ीकरण का कार्य भी चल रहा है. लेकिन कुछ लोग अपनी मठ मंदिर की सुरक्षा के लिए खड़े हो जाते हैं. अयोध्या एक तीर्थ इसके विकास के लिए सभी को कुछ ना कुछ त्याग करना ही होगा. यहां पर बहुत से ऐसे ऐतिहासिक इमारत भी है, जिसका ध्यान प्रदेश सरकार रख रही है. अयोध्या के कुछ प्रमुख घाट प्रहलाद घाट, कौशल्या घाट सहित अन्य अपने विकास के लिए इंतजार कर रही हैं. प्रवचन सत्र के दौरान अयोध्या के विभिन्न मंदिरों के महंत और संत धर्म आचार्य रामलला के प्रति अपनी भाग समर्पित किया. वहीं, देर शाम विट्ठल कवि डॉक्टर कुमार विश्वास ने भगवान श्री राम के प्रति कविता के माध्यम लोगों को भाव विभोर कर दिया. अंतिम कार्यक्रम की प्रस्तुति देती हुए पद्मश्री भजन गायिका मालिनी अवस्थी ने अपने भजनों से मौजूद श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया.
राम जन्मभूमि परिसर के संपूर्ण निर्माण में अब तक 1200 करोड़ खर्चः श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी ने राम जन्मभूमि परिसर संपूर्ण निर्माण कार्य में 1800 से 2000 करोड़ तक खर्च होने का अनुमान जताया है. उन्होंने कहा कि सभी कार्य पूर्णता की ओर जा रहा है. 3 महीने में सभी मंदिरों के कार्य पूर्ण हो जाएंगे. इसके पश्चात इन मंदिरों में मूर्तियों की स्थापना की जाएगी. मंदिर के शिखर का निर्माण भी चल रहा है, जिसे मार्च तक पूरा होने की संभावना है. गोविंद देवगिरी ने बताया कि प्रतिष्ठा द्वादशी उत्सव को राम मंदिर ही नहीं बल्कि पूरे देश भर में मनाया गया है. स्थाई रूप देते हुए इस उत्सव को और विस्तारित किया जाएगा. प्रत्येक वर्ष प्रतिष्ठा द्वादशी का उत्सव मनाया जाएगा. इसके साथ ही मंदिर में रामनवमी, झूलनोत्सव, विजयादशमी, कार्तिक उत्सव, विवाह पंचमी मुख्य रूप से मंदिर परिसर मनाए जाने की तैयारी है.
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