मुंबई। पूर्व सांसद संजय निरुपम ने गुरुवार को पार्टी से निकाले जाने को लेकर कांग्रेस नेतृत्व पर कटाक्ष किया। उन्होंने दावा किया कि पार्टी ने ऐसा उनकी ओर से अपना इस्तीफा भेजने के बाद किया गया। पार्टी को कार्रवाई के लिए ए-4 साइज का पेपर बर्बाद करने की जरूरत नहीं थी। इससे पहले अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों की शिकायतों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार देर शाम निरुपम को तत्काल प्रभाव से छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने का फैसला किया था।
इसके बाद गुरुवार सुबह मुंबई कांग्रेस के पूर्व प्रमुख निरुपम ने एक्स पर कहा, ‘ऐसा लगता है कि कल रात मेरा इस्तीफा पत्र मिलने के तुरंत बाद उन्होंने मेरा निष्कासन जारी करने का फैसला किया। ऐसी तत्परता देखकर अच्छा लगा। इससे पहले खरगे को लिखे पत्र में निरुपम ने कहा था कि मैंने आखिरकार आपकी बहुप्रतीक्षित इच्छा को पूरा करने का फैसला किया है। मैं एलान करता हूं कि मैं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।
संजय निरुपम ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर कांग्रेस को घेरा
संजय निरुपम ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर कांग्रेस आलाकमान पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मैंने कल एक घोषणा की और लगभग 10:40 बजे मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा भेज दिया। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से बिखरी हुई पार्टी है और पार्टी के नेताओं ने भी कहा है कि इसकी विचारधारा दिशाहीन है। उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस पार्टी में एक पावर सेंटर हुआ करता था, लेकिन इस समय कांग्रेस पार्टी में पांच पावर सेंटर हैं और पांचों की अपनी लॉबी है जो आपस में टकराती रहती है। इन पांचों सेंटर में सबसे पहले सोनिया गांधी हैं, दूसरे सेंटर में राहुल गांधी, तीसरे में प्रियंका गांधी, चौथे में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और आखिरी में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल हैं। यह सब अपने प्रकार से राजनीति कर रहे हैं।