Wednesday, 15 January

करौली.

देहरादून से एक  परिवार बालाजी के दर्शन के लिए महंदीपुर आया था। परिवार में चार सदस्य थे। इन सभी के शव धर्मशाला के कमरा नंबर 119 से मिले हैं। पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल ये है कि ये सुसाइड  केस है या फिर किसी ने इनकी हत्या की है ? फिलहाल पुलिस की जांच सभी दिशाओं में चल रही है। पुलिस  घटना में भूत-प्रेत के लिंक को भी तलाश रही है।

दरअसल महंदीपुर बालाजी के मंदिर में सभी तरह की पूजाएं होती है। भक्त अलग-अलग परेशानियां लेकर यहां पहुंचते हैं। देहरादून से भी एक परिवार महंदीपुर आय़ा था। इन लोगों ने 12 जनवरी को रामकृषण धर्मशाला में एक कमरा बुक किया था। कमरा नितिन कुमार की आईडी पर बुक हुआ था। जो इस परिवार का बेटा था। नितिन कुमार के साथ उसके पिता सुरेंद्र कुमार, मां कमलेश और बहन नीलम भी थी। परिवार ने कमरा एक दिन के लिए बुक किया था। पुलिस के अनुसार धर्मशाला के कर्मचारी ने सफाई के दौरान कमरे में चारों शव देखे। इसके बाद पुलिस को घटना की सूचना मिली।  कमरे में दो शव बिस्तर पर थे जबकि दो जमीन पर पड़े हुए थे। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा है। फिलहाल इनका पोस्टमार्टम शुरू नहीं हुआ है क्योंकि देहरादून से इस परिवार से जुड़े और लोग  मेहंदीपुर नहीं पहुंचे हैं। पुलिस ने कमरे को सील किया है। साथ ही  एफएसएल टीम ने कमरे की जांच की है। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले को सामूहिक सुसाइड के नजरिए से देख रही है। पुलिस का कहना है कि सुसाइड का कारण अभी खोजना बाकी है क्योंकि परिवार के कोई भी सदस्य घटना के पहले संदिग्ध स्थिति में नहीं देखा गया है। धर्मशाला के लोगों ने परिवार के लोगों की मनोस्थिति सामान्य ही देखी है। एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय के अनुसार मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है।

हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। धर्मशाला के मैनेजर गुड्डू ने बताया कि परिवार संकट के निवारण के लिए मेहंदीपुर बालाजी धाम के दर्शन करने आया था लेकिन किस तरह का संकट उन पर था, ये जानकारी उसको नहीं है।  बहरहाल पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच कर रही है।


Source : Agency

Share.
Exit mobile version