Sunday, 10 November

जबलपुर

मध्‍य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच ने एक दर्जन से अधिक निजी स्कूलों को झटका दे दिया। क्राइस्ट चर्च स्कूल, सेंट अलायशियस स्कूल, स्टेमफील्ड इंटरनेशनल स्कूल, ज्ञानगंगा आर्चिड्स इंटरनेशनल स्कूल, सेंट जान्स स्कूल, दमोह सहित कई स्कूलों ने याचिका दायर कर कहा था कि जिला कमेटी की ओर से उनके स्कूल की फीस निर्धारित की गई है और बढ़ाई गई फीस वापस करने का निर्देश दिया गया है।
स्कूल की फीस का निर्धारण जिला कमेटी नहीं कर सकती

जिला कमेटी को यह अधिकार नहीं है कि वह स्कूल की फीस का निर्धारण करे। इसके अलावा उक्त कार्रवाई के पहले उन्हें सुनवाई का अवसर भी नहीं दिया गया। इसलिए हाई कोर्ट का हस्तक्षेप अपेक्षित है। इसके विरोध में राज्य शासन की ओर से उप महाधिवक्ता ब्रम्हदत्त सिंह ने दलील दी।


उप महाधिवक्ता ने कहा कि मप्र निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम-2020 की विभिन्न धाराओं में यह प्रविधान है कि स्कूल को पिछले तीन वर्ष का आय-व्यय का ब्यौरे के साथ-साथ यह बताना आवश्यक है कि फीस कितनी बढ़ाई है। जब स्कूलों द्वारा जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई तब उन्हें नोटिस जारी किया गया।

नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं दिया, पर्याप्त अवसर दिया
नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं पाते हुए नियमविरुद्ध बढ़ाई गई फीस वापसी का आदेश जिला कमेटी द्वारा किया गया। आदेश जारी करने के पहले स्कूलों को सुनवाई का पर्याप्त अवसर भी प्रदान किया गया था। याचिकाकर्ता निजी स्कूलों के पास जिला कमेटी के आदेश के विरुद्ध राज्य समिति के समक्ष अपील के प्रवि‍धान का विकल्प खुला है।


Source : Agency

Share.
Exit mobile version