Thursday, 9 January

नई दिल्ली
46 निर्दोष नागरिकों की मौत पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में किए गए हवाई हमलों में महिलाओं और बच्चों सहित 46 निर्दोष लोगों की मौत हुई है। तालिबान सरकार के अनुसार, ये हमले पक्तिका प्रांत के बरमल जिले में हुए, जहां शरणार्थियों को निशाना बनाया गया। हमलों में छह अन्य लोग घायल हुए। इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है।

भारत ने जताई कड़ी आपत्ति
सोमवार को भारत ने इन हवाई हमलों की कड़ी निंदा करते हुए इसे पाकिस्तान की “अपनी आंतरिक विफलताओं के लिए पड़ोसियों को दोषी ठहराने की पुरानी प्रथा” बताया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हमने महिलाओं और बच्चों सहित अफगान नागरिकों पर हवाई हमलों की मीडिया रिपोर्टों पर गौर किया है। निर्दोष नागरिकों पर किसी भी हमले की स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिए।”

पाकिस्तानी सेना के हमलों पर अफगान सरकार का विरोध अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए काबुल स्थित पाकिस्तानी दूत को तलब किया। अफगान सरकार ने अपने बयान में कहा कि जब पाकिस्तान का नागरिक प्रतिनिधि काबुल में वार्ता कर रहा था, उसी समय पाकिस्तानी सेना ने यह हमला किया। काबुल ने इस हमले को दोनों देशों के बीच विश्वासघात का कारण बताया और कहा कि “ऐसे गैर-जिम्मेदाराना कार्यों के गंभीर परिणाम होंगे।”

टीटीपी ने हमलों को बताया निहत्थे शरणार्थियों पर हमला
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी ने दावा किया कि हवाई हमलों में 50 लोग मारे गए, जिनमें 27 महिलाएं और बच्चे शामिल थे। टीटीपी ने यह भी कहा कि ये शरणार्थी पाकिस्तान के उत्तरी-पश्चिमी हमलों के कारण अफगानिस्तान भागे थे। उन्होंने हमलों के पीड़ित बच्चों की तस्वीरें भी साझा कीं।

पाकिस्तान की रणनीति पर उठे सवाल
पाकिस्तान के विशेष प्रतिनिधि मोहम्मद सादिक काबुल में अफगान अधिकारियों के साथ वार्ता के लिए आए थे। लेकिन वार्ता के कुछ घंटों बाद हुए इन हमलों ने पाकिस्तान की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।  इस घटना ने क्षेत्रीय स्थिरता पर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। भारत और अफगानिस्तान ने स्पष्ट रूप से पाकिस्तान के इन कार्यों की निंदा की है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की है।

 


Source : Agency

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