उज्जैन
सावन का आज पांचवां सोमवार है। रक्षाबंधन की भी धूम है। उज्जैन में बाबा महाकाल को वैदिक राखी बांधी गई। पुजारी परिवार की महिलाओं ने 7 दिन में तुलसी और बिल्व पत्रों का उपयोग कर राखी को तैयार किया है। सोमवार को भस्म आरती के समय पंडे-पुजारियों ने महाकाल को राखी अर्पित की। आज शाम 4 बजे सावन माह की अंतिम सवारी निकाली जाएगी। महाकाल होलकर मुखारविंद स्वरूप में प्रजा का हाल जानने निकलेंगे। सीएम मोहन यादव भी सवारी में शामिल होंगे। CRPF बैंड साथ चलेगा।
सवा लाख लड्डुओं का भोग
बाबा महाकाल को बेसन और शुद्ध घी से बने सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया। महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए भक्त रविवार रात से ही कतार में लगना शुरू हो गए थे। भस्म आरती के लिए रविवार-सोमवार की दरमियानी रात 2.30 बजे पट खोल दिए गए। भस्म आरती में महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार हुआ। दर्शन का सिलसिला आज रात 10.30 बजे तक चलता रहेगा।
सर्वत्र शिव हैं,
शिव हैं, तो शुभ है,
मंगल है, कल्याण है,
जीवन है।
कलाकार करमा और सैला नृत्य की देंगे प्रस्तुति
सबसे खास संयोग है कि इस बार सावन महीने की शुरुआत सोमवार से हुई और समापन भी सोमवार यानी आज हो रहा है। शाम को महाकाल सवारी में चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिव तांडव और नंदी पर उमा-महेश के स्वरूप में विराजित होकर प्रजा का हाल जानने निकलेंगे। डोल रथ पर होलकर स्टेट का मुखारविंद शामिल होगा। डिंडौरी के गोंड जनजातीय समूह के 50 से अधिक कलाकार करमा, सैला नृत्य की प्रस्तुति देते हुए चलेंगे।
अंतिम सवारी में जुटेगी भक्तों की भीड़ :
सावन के अंतिम सोमवार को शाम 4 बजे बाबा की शाही सवारी निकाली जाएगी। बाबा महाकाल शाही सवारी में मुखारविंद रूप में दर्शन देंगे। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव शाम को निकाली जाने वाली शाही सवारी में शामिल होंगे।
7 दिन में बनकर तैयार हुई राखी :
बाबा महाकाल को चढ़ाई गई वैदिक राखी पुजारियों के परिवार द्वारा तैयार की गई। जानकारी के अनुसार इसे बनाने में 7 दिन का समय लगा था। यह वैदिक राखी तुलसी और बिल्व पत्रों से तैयार की गई है।
सवारी का लाइव टेलीकास्ट
श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी का लाइव टेलिकास्ट मंदिर प्रबंध समिति के फेसबुक पेज और सवारी के अंत में चलित रथ में एलईडी के माध्यम से भी होंगे। सवारी महाकाल चौराहा से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होते हुए रामघाट पहुंचेगी। यहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजा-अर्चना होगी। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, कार्तिक चौक पर खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, गुदरी बाजार से होते हुए दोबारा श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।
इन मंदिरों में भी रक्षाबंधन और सावन की धूम
छिंदवाड़ा के पातालेश्वर मंदिर में सुबह से ही लोग पहुंच रहे हैं। महिला श्रद्धालुओं ने भगवान का जलाभिषेक करने के बाद रक्षा सूत्र बांधा। ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग का बेल पत्र और फूलों से श्रृंगार किया गया। ग्वालियर के अचलेश्वर मंदिर में भक्त पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक कर आराधना कर रहे हैं। नर्मदापुरम के काले महादेव का श्रृंगार कर राखी बांधी गई। शाम 4 बजे काले महादेव की शाही सवारी निकाली जाएगी।
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