अहमदाबाद
गुजरात के अहमदाबाद के शाहआलम इलाके के पास चंडोला तालाब क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों के अवैध निर्माण पर मंगलवार से बुलडोजर एक्शन शुरू हो गया है। गुजरात पुलिस ने सोमवार रात से ही इसकी तैयारियां शुरू कर दी थीं। अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए 50 बुलडोजर और 36 डंपर को लगाया गया है। अहमदाबाद प्रशासन ने सुबह-सुबह अतिक्रमण के खिलाफ शुरू किए अभियान में चंडोला तालाब पर बनी अवैध झोपड़ियां और आलीशान फार्म हाउस को जमींदोज कर दिया है. नगर निगम की इस कार्रवाई के दौरान इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. वहीं, नगर निगम की इस कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय लोग गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर HC ने सुनवाई करने से इनकार कर याचिका खारिज कर दी है.
मंगलवार सुबह इस इलाके के 2000 स्क्वेयर यार्ड में फैले एक आलीशान फार्महाउस ढहाया गया है। पुलिस, क्राइम ब्रांच, एसओजी, साइबर क्राइम और एसआरपी की टीमें इलाके में तैनात हैं। अब यह मामला गुजरात हाईकोर्ट पहुंच गया है।
क्षेत्र के निवासियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि कानूनी प्रक्रिया और नियमों का पालन किए बिना ही तोड़फोड़ की जा रही है। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि यहां रहने वालों के बांग्लादेशी होने का कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया गया है।
बता दें कि अहमदाबाद पुलिस ने बीते दो दिन में शाहआलम इलाके से 890 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इनमें से 143 लोगों की पहचान बांग्लादेशी नागरिकों के रूप में की गई है। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू की गई।
2000 गज के फार्महाउस को देख चौंके कमिश्नर
कार्रवाई के लिए पहुंचे पुलिस कमिश्नर उस समय हैरान रह गए जब उन्होंने झुग्गियों के बीच 2000 वर्ग गज में फैला आलीशान फार्महाउस देखा। जांच में पता चला कि यह आलीशान फार्महाउस लल्ला बिहारी नाम के शख्स का है। हालांकि, पुलिस के पहुंचने से पहले ही लल्ला बिहारी फरार हो गया। इस अवैध फार्महाउस को ध्वस्त कर दिया गया है।
गुजरात हाईकोर्ट पहुंचा मामला
इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि कोई व्यक्ति अवैध विदेशी है या नहीं, इसका फैसला सिर्फ फॉरेन ट्रिब्यूनल ही कर सकता है। इसके अलावा घर गिराने से पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया और पुनर्वास की कोई व्यवस्था भी नहीं की गई। याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट से मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की है। इस पर आज सुनवाई की संभावना है।
क्या बोले पुलिस कमिश्नर?
अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर ज्ञानेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि “बंगाल वास एक ऐसा इलाका है, जहां कई अवैध बांग्लादेशी रहते हैं। इनके खिलाफ पहले भी कार्रवाई की गई है। पहले भी तोड़फोड़ की गई है। 3 दिन पहले पुलिस ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया था, जिसमें 180 से ज़्यादा अवैध बांग्लादेशियों की पहचान की गई थी और यह प्रक्रिया जारी है।
पुलिस कमिश्नर ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि हमने एक एफआईआर भी दर्ज की है, जिसमें लल्लू बिहारी नाम के एक व्यक्ति और उसके कुछ लोगों के नाम हैं। वह फर्जी रेंट एग्रीमेंट बनाता था, ताकि आधार बनवाया जा सके। उसने यहां एक बड़ा फार्महाउस बनाया था। उसका घर, जो उसने अवैध रूप से बनाया था, उसे ध्वस्त कर दिया गया है और अभी भी तोड़फोड़ की प्रक्रिया चल रही है।
सिंह ने कहा कि हमें पता चला है कि कुछ लोगों ने अवैध रूप से पासपोर्ट भी बनवा लिए हैं, इसलिए हमने लल्लू बिहारी और उसके गिरोह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और पुलिस निश्चित रूप से जांच करेगी।
‘दो हजार पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में हुई कार्रवाई’
डिमोलिशन ड्राइव के बारे में जानकारी देते हुए ज्वाइंट सीपी (क्राइम) शरद सिंघल ने बताया, ‘सियासतनगर बंगाल वास था, जहां अधिकांश बांग्लादेशी रहते थे… एएमसी ने एक सर्वेक्षण किया, जिसमें पाया गया कि अवैध निर्माण किया गया था. ध्वस्तीकरण अभियान चल रहा है. कुल 50 जेसीबी यहां काम कर रही हैं और लगभग 2,000 पुलिसकर्मी यहां तैनात हैं.’
उन्होंने बताया कि साल 2009 में भी यहां कार्रवाई की गई थी, लेकिन बाद में धीरे-धीरे इन लोगों ने तालाब पर मिट्टी डालकर अपने घर बना लिए थे. बीते दिनों अहमदाबाद नगर निगम ने सर्वे किया था, जिसके बाद ये कार्रवाई की जा रही है.
बुलडोजर एक्शन पर HC से राहत नहीं
वहीं, अहमदाबाद नगर निगम की इस कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय लोग गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. स्थानीय लोगों ने तुरंत सुनवाई की मांग करते हुए नगर निगम की कार्रवाई को चुनौती दी. हालांकि, हाईकोर्ट ने स्थानीय लोगों को राहत ना देते हुए नगर निगम की कार्रवाई पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया और याचिका को खारिज कर दिया.
‘6,500 संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासी हिरासत में’
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सहाय ने कहा कि अहमदाबाद और सूरत में बड़े सर्च ऑपरेशन के बाद पूरे राज्य में इसी तरह के अभियान चलाए गए, जिसमें लगभग 6,500 संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को हिरासत में लिया गया और उनकी पहचान सत्यापित की गई.
उन्होंने बताया, ‘अहमदाबाद और सूरत में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाए जाने के बाद गुजरात के सभी जिलों और पुलिस आयुक्तालयों को यह कार्य (बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करने का) करने को कहा गया. मेरे पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, हमने करीब 6,500 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की है.’
आईपीएस अधिकारी ने कहा, ‘अभी तक दस्तावेजी सबूतों के आधार पर करीब 450 बांग्लादेशी नागरिकों के यहां (गुजरात में) अवैध रूप से रहने की पुष्टि हो चुकी है. बाकी हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ जारी है. हमें लगता है कि हम बड़ी संख्या में अवैध बांग्लादेशियों की पहचान स्थापित करने में सफल होंगे.’
उन्होंने कहा कि एक बार बांग्लादेशी नागरिक के रूप में उनकी पहचान स्थापित हो जाने पर, केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के समन्वय से उनके निर्वासन के लिए कदम उठाए जाएंगे.
अहमदाबाद और सूरत में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाए जाने के बाद हिरासत में लिए गए 1,000 से ज़्यादा संदिग्ध बांग्लादेशियों से पूछताछ की जा रही है। सहाय ने बताया कि उनके निर्वासन के लिए कदम उठाने से पहले उनकी राष्ट्रीय पहचान स्थापित करने के लिए दस्तावेजी और तकनीकी सबूत जुटाए जा रहे हैं.
Source : Agency