रामेश्वरम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु दौरे पर हैं। अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले 11 दिवसीय विशेष अनुष्ठान में जुटे पीएम मोदी ने रामेश्वरम में कई नदियों के तीर्थ से लाए गए जल से स्नान किया। उन्होंने रामेश्वरम के समुद्र में पवित्र डुबकी लगाने के बाद श्री अरुल्मिगु रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन-पूजन भी किया। प्रधानमंत्री ने समुद्र में पवित्र स्नान के बाद गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के पवित्र और तीर्थ के जल से भी विशेष स्नान किया।
स्नान के बाद प्रधानमंत्री रामेश्वरम के रामनाथस्वामी मंदिर में विशेष पूजा भी की। इस मंदिर में पूजे जाने वाले मुख्य देवता श्री रामनाथस्वामी हैं, जिन्हें भगवान शिव का एक रूप माना जाता है। श्रद्धालुओं की ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में जिस मुख्य शिवलिंग की पूजा होती है, इसकी स्थापना और पूजा खुद भगवान श्रीराम और माता सीता ने की थी। रामेश्वरम को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक गिना जाता है। इसे हिंदू धर्म के चार धामों में से एक माना जाता है। इसके अलावा बद्रीनाथ, द्वारका और जगन्नाथ पुरी को भी चार धाम में गिना जाता है।
रामेश्वरम में विशेष रामायण पाठ; श्रीराम की अयोध्या वापसी का वर्णन
पीएम मोदी ने रामेश्वरम के इस मंदिर में ‘श्री रामायण पारायण’ कार्यक्रम में भी भाग लिया। इसमें आठ अलग-अलग पारंपरिक मंडलियों ने संस्कृत, अवधी, कश्मीरी, गुरुमुखी, असमिया, बंगाली, मैथिली और गुजराती भाषा की रामकथा का पाठ किया। पूरी रामकथा में लंकापति रावण के साथ युद्ध के बाद श्रीराम की अयोध्या वापसी के प्रसंग का वर्णन किया जा रहा है।