Thursday, 14 November

नई दिल्ली
 देश के सबसे अमीर और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी गुजरात के बाहर बायोगैस प्लांट लगाने जा रहे हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) अगले पांच वर्षों में 500 कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट (सीबीजी) लगाएगी। इसके लिए कंपनी 65 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार रिलायंस ये बायोगैस प्लांट आंध्र प्रदेश में लगाएगी।

क्लीन एनर्जी पहल के तहत गुजरात के बाहर कंपनी की ओर से किया गया यह सबसे बड़ा निवेश होगा। इस योजना को मुंबई में अनंत अंबानी और आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश के बीच अंतिम रूप दिया गया। अनंत अंबानी आरआईएल की स्वच्छ ऊर्जा पहल के प्रमुख हैं। विजयवाड़ा में मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की मौजूदगी में आरआईएल और आंध्र प्रदेश उद्योग विभाग के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार

इस मामले से अवगत लोगों ने बताया कि प्रत्येक प्लांट में 130 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और इन्हें राज्य की बंजर भूमि पर बनाया जाएगा। राज्य सरकार के अनुमान के अनुसार इन प्लांट से 2.50 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है।

बायोफ्यूल प्रोजेक्ट्स के लिए प्रोत्साहन

आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य की हाल ही में अधिसूचित इंटीग्रेटेड क्लीन एनर्जी पॉलिसी के तहत बायोफ्यूल प्रोजेक्ट्स के लिए प्रोत्साहन शुरू किए हैं। इसमें पांच साल के लिए CBG प्लांट पर निश्चित पूंजी निवेश पर 20% की सब्सिडी के साथ-साथ पांच साल के लिए राज्य माल और सेवा कर (SGST) और बिजली शुल्क की पूरी प्रतिपूर्ति शामिल है।

‘नौकरियां पैदा करना प्रमुख लक्ष्य’

मंत्री नारा लोकेश ने कहा, ‘नौकरियां पैदा करना हमारा प्रमुख लक्ष्य है। इसके लिए हम निवेशकों को आकर्षित करने और रोजगार सृजन के लिए अपनी इंटीग्रेटेड क्लीन एनर्जी पॉलिसी में कई प्रोत्साहन लेकर आए हैं। रिलायंस ने पहले ही आंध्र प्रदेश में व्यापक निवेश किया है और हम उन्हें आगे भी निवेश करने के लिए उत्सुक हैं।’

किसानों की बढ़ेगी इनकम

एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘अनुमानों से पता चलता है कि किसान सालाना 30 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से अपनी इनकम बढ़ाने में सक्षम होंगे।’ साथ ही, कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट का मतलब राज्य के लिए कई वित्तीय और गैर-वित्तीय लाभ होंगे। शुरुआती अनुमानों में एसजीएसटी कलेक्शन, बिजली शुल्क और 25 वर्षों में रोजगार के कारण टैक्स के माध्यम से 500 संयंत्रों के लिए इसे 57,650 करोड़ रुपये बताया गया है।


Source : Agency

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