इंदौर
इंदौर के गौतमपुरा की रहने वाली श्रीमती सरिता रविन्द्र लंबे समय से किराये की मकान में रह रही थी। उनके पति अनाज की खरीद-बिक्री का काम किया करते हैं। वे घर पर ही रहकर सिलाई का काम करती हैं। उनके परिवार की आमदनी का एक बड़ा हिस्सा मकान के किराये में चला जाता था। उन्होंने बचत की राशि से एक छोटा प्लाट खरीदा। आर्थिक तंगी की वजह से वे पक्का मकान नहीं बना सकी।
सरिता को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की जानकारी मिली। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना का क्रियान्वयन नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसके बाद उन्होंने योजना का लाभ लेने के लिये फॉर्म से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी की। प्रयासों से उनका प्रकरण मंजूर हो गया। उन्हें ढ़ाई लाख रूपये की सहायता राशि 3 किश्तों में मंजूर हुई। आज उनका पक्के मकान का सपना साकार हो गया है। श्रीमती सरिता बताती हैं कि उन्हें किराये मकान के साथ मकान किराये में खर्च होने वाली राशि से भी मुक्ति मिली है। उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। अपने पक्के आवास की जानकारी उन्होंने अपने परिचितों को भी दी है। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिये वे केन्द्र और राज्य सरकार दोनों का दिल से धन्यवाद देती हैं।
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