भोपाल। उमा भारती ने सोमवार को भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान आरक्षण का खुलकर समर्थन किया. पिछड़ा वर्ग के एक कार्यक्रम में कहा कि ओबीसी को सरकारी नौकरी में 27% आरक्षण मिलना चाहिए। एससी-एसटी के अलावा गरीब सवर्णों का भी आरक्षण होना चाहिए. यह व्यवस्था सिर्फ तब बदले जब एसटी-एससी खुद बोले कि उन्हें आरक्षण नहीं चाहिए।
मध्य प्रदेश में चुनावी साल के दौरान ‘माई का लाल’ का मुद्दा एक बार फिर सामने आया है. शिवराज सिंह चौहान के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने यह नारा छेड़ा है. सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान उमा भारती ने मंच से कहा कि ‘कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सोमवार को भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान आरक्षण का खुलकर समर्थन किया. पिछड़ा वर्ग के एक कार्यक्रम में कहा कि ओबीसी को सरकारी नौकरी में 27% आरक्षण मिलना चाहिए. एससी-एसटी के अलावा गरीब सवर्णों का भी आरक्षण होना चाहिए. यह व्यवस्था सिर्फ तब बदले जब एसटी-एससी खुद बोले कि उन्हें आरक्षण नहीं चाहिए।
आरक्षण पर अपनी बात रखते हुए उमा भारती ने कहा कि ‘पूरे देश को एक होना चाहिए इस मसले को लेकर कि ओबीसी का आरक्षण होना चाहिए, एसटी-एससी का आरक्षण होना चाहिए. सरकारी नौकरियों में ओबीसी का 27% आरक्षण होना चाहिए. गरीब सवर्णों का भी 10% आरक्षण होना चाहिए. मैंने कई ब्राह्मणों और वैश्य वर्ग के लोगों को बहुत गरीब देखा है.
‘जब एसटी-एससी खुद कहेंगे कि हमें आरक्षण नहीं चाहिए’
उन्होंने कहा कि या तो इस देश की व्यवस्था ही ऐसी हो जाए कि आरक्षण की स्थिति ही न रहे. वो स्थिति तब आएगी जब एसटी-एससी खुद कहेंगे कि हमें आरक्षण नहीं चाहिए. उसके पहले यह स्थिति खत्म नहीं की जा सकती. कोई माई का लाल आरक्षण को खत्म नहीं कर सकता. जब तक समाज में एक भी व्यक्ति अधिकरों से वंचित रहेगा तब तक आरक्षण खत्म नहीं हो सकता.