जबलपुर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने ग्वालियर के माधव अंधश्रम में व्यवस्थाओं को सुधारने संबंधी आदेश का पालन करने में भर्ती जा रही लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई। हाई कोर्ट ने 2014 में दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए नियमित रूप से शिक्षकों की नियुक्ति करने सहित विभिन्न बिंदुओं पर आदेश दिया था। सामाजिक न्याय विभाग एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के प्रमुख आईएएस सचिव (पीएस) सचिन सिन्हा ने अवमानना याचिका पर जवाब पेश करने की भाषा पर कोर्ट ने नाराजगी जताई।
प्रमुख सचिव ने बताया कि संविदा पर भर्ती की जा रही है। आदेश का पालन कर दिया गया है। ऐसे में याचिका निराकरण कर दी जाए। इस जवाब पर नाराजगी जताते हुए जस्टिस आर्या ने अतिरिक्त महाधिवक्ता (्र्रत्र) एमपीएस रघुवंशी से कहा कि भाषा पढ़ी, अधिकारी के अहंकार को देखें। जवाब पेश करके जैसे कोई हाई कोर्ट पर अहसान किया है।
अतिरिक्त महाधिवक्ता ने जज की बात पर सहमति जताते हुए कहा कि कानून के ऊपर कोई नहीं है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव के हाजिरी माफी के आवेदन को निरस्त करते हुए उन्हें 3 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया।
उनके साथ ही तत्कालीन प्रमुख सचिव को भी तलब किया गया है। हाई कोर्ट की चेतावनी पर जस्टिस आर्या ने अतिरिक्त महाधिवक्ता से कहा कि प्रमुख सचिव को यह बता दें कि इस प्रकार का अहंकार कोर्ट मप्रमुख सचिव के हाई कोर्ट में दिए जवाब की भाषा से नाराजगी!
जबलपुर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने ग्वालियर के माधव अंधश्रम में व्यवस्थाओं को सुधारने संबंधी आदेश का पालन करने में भर्ती जा रही लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई। हाई कोर्ट ने 2014 में दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए नियमित रूप से शिक्षकों की नियुक्ति करने सहित विभिन्न बिंदुओं पर आदेश दिया था। सामाजिक न्याय विभाग एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के प्रमुख आईएएस सचिव (पीएस) सचिन सिन्हा ने अवमानना याचिका पर जवाब पेश करने की भाषा पर कोर्ट ने नाराजगी जताई।
प्रमुख सचिव ने बताया कि संविदा पर भर्ती की जा रही है। आदेश का पालन कर दिया गया है। ऐसे में याचिका निराकरण कर दी जाए। इस जवाब पर नाराजगी जताते हुए जस्टिस आर्या ने अतिरिक्त महाधिवक्ता (्र्रत्र) एमपीएस रघुवंशी से कहा कि भाषा पढ़ी, अधिकारी के अहंकार को देखें। जवाब पेश करके जैसे कोई हाई कोर्ट पर अहसान किया है।
अतिरिक्त महाधिवक्ता ने जज की बात पर सहमति जताते हुए कहा कि कानून के ऊपर कोई नहीं है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव के हाजिरी माफी के आवेदन को निरस्त करते हुए उन्हें 3 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया।
उनके साथ ही तत्कालीन प्रमुख सचिव को भी तलब किया गया है। हाई कोर्ट की चेतावनी पर जस्टिस आर्या ने अतिरिक्त महाधिवक्ता से कहा कि प्रमुख सचिव को यह बता दें कि इस प्रकार का अहंकार कोर्ट में नहीं चलने वाला। उन्हें कोर्ट के आदेश में लिखी गई भाषा को समझना होगा। यदि वे कोर्ट की भाषा समझने में अक्षम हैं, तो कोई बात नहीं हमें मालूम है कैसे कोर्ट की भाषा उन्हें कैसे समझाई जाए।
ें नहीं चलने वाला। उन्हें कोर्ट के आदेश में लिखी गई भाषा को समझना होगा। यदि वे कोर्ट की भाषा समझने में अक्षम हैं, तो कोई बात नहीं हमें मालूम है कैसे कोर्ट की भाषा उन्हें कैसे समझाई जाए।