जयपुर
राजस्थान की राजधानी जयपुर में दिल्ली-जयपुर हाइवे पर एक मिथेन ऑयल का टैंकर पलट गया है जिसके बाद एक किलोमीटर का एरिया ख़ाली करवाया गया है. टैंकर से गैस लीक होने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है जिसके बाद मौके सिविल डिफेंस की टीम पहुंची है. जयपुर से करीब 20 किलोमीटर दूर चंदवाजी के सेवन माता मंदिर के पास हुए इस हादसे के बाद जयपुर से दमकल की दर्जनों गाड़ियां मौके पर पहुंची हैं. सिविल डिफेंस की टीम को मौके पर भी तैनात किया गया है. टीम गैस रिसाव रोकने के प्रयास में जुटी है और लगातार पानी का छिड़काव किया जा रहा है.
इस हाईवे पर ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया है. ट्रक ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि ट्रक के नीचे अचानक से गाय आ गई थी जिसे बचाने में ट्रक पलट गया. घटना के बाद से हाईवे बंद करने से लंबा जाम लग गया है. हादसे के बाद पुलिस ने एक किलोमीटर के एरिया को खाली करा दिया है और लाउड स्पीकर से घोषणा कर लोगों को दूर रहने की हिदायत दी जा रही है. एंबुलेंस 108 तीन गाड़ियां मौके पर तैनात की गई हैं.
क्या होता है मिथेन गैस और कितना खतरनाक ?
मिथेन (CH₄) एक रंगहीन, गंधहीन और ज्वलनशील गैस है. यह प्राकृतिक गैस का मुख्य घटक है और हाइड्रोकार्बन का सबसे सरल रूप है. मिथेन का उत्पादन मुख्य रूप से प्राकृतिक स्रोतों (जैसे दलदली क्षेत्र) और मानवीय गतिविधियों जैसे पशुपालन, लैंडफिल और जीवाश्म ईंधन के उपयोग से पैदा होता है. यह सीधे तौर पर जहरीली नहीं होती है. हालांकि मिथेन एक अत्यधिक ज्वलनशील गैस है. अगर यह हवा के साथ मिश्रित हो जाए और आग के संपर्क में आ जाए, तो विस्फोट हो सकता है. मिथेन शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है. इसका ग्लोबल वार्मिंग पोटेंशियल (GWP) कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) की तुलना में 25 गुना अधिक है. यह वातावरण में गर्मी को बढ़ा कर जलवायु परिवर्तन को तेज कर देता है.
अजमेर-दिल्ली हाईवे पर हुए धमाके में गई थी 19 लोगों की जान
बता दें कि जयपुर में अजमेर-दिल्ली हाईवे पर बीते हफ्ते एक भीषण हादसे में 19 लोग जलकर मर गए थे और 20 लोग अस्पताल में ज़िंदगी की जंग लड़ रहे हैं. दरअसल यह दुर्घटना उस समय हुई थी जब एक ट्रक ने एक एलपीजी टैंकर को उल्टा मोड़ने की कोशिश में टक्कर मार दी थी. इसके बाद जोरदार धमाका हुआ था और उससे बने आग के गोले ने 34 वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया था. इनमें 10 कंटेनर, सात ट्रेलर, पांच ट्रक, आठ चार पहिया वाहन, दो पिकअप ट्रक और दो स्लीपर बसें शामिल थीं.
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