Friday, 13 December

गरियाबंद.

जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्यवाही की है। स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त टीम ने बुधवार को फिंगेश्वर ब्लॉक के कई गांवों छापेमार कार्यवाही कर दो अवैध क्लीनिक को सील किया है साथ ही दो संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। छापामारी के दौरान ये सभी क्लिनिक नियम विरुद्ध संचालित पाए गए।

इस दौरान टीम ने यहां से बड़ी मात्रा में दर्द के इंजेक्शन, एक्सपायरी दवाइयां, प्रेगनेंसी कीट, अबॉर्शन कीट, एंटीबायोटिक भी बरामद किए है। जिसे जप्त कर लिया गया। इसके अलावा मौके पर कई ऐसी दवाइयां भी मिली है जो विशेषज्ञ डॉक्टर के सलाह के बिना नहीं दी जा सकती। कार्यवाही के बाद झोलाछाप डॉक्टरों में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्रों से पता चला की कार्यवाही की भनक लगते ही कई झोलाछाप डॉक्टर पहले ही अपनी दुकान बनकर भाग निकले थे। उल्लेखनीय है कि विगत कुछ वर्षों से जिले में झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आ गई है। गांव-गांव में झोला छाप डॉक्टरों का जाल बिछा हुआ है। ये झोला छाप डॉक्टर ग्रामीण अंचल में अवैध रूप से निजी क्लीनिक संचालित कर स्वास्थ्य सेवा देने के नाम पर मरीजों की जेब काट रहे हैं साथ ही मरीजों की जान से खिलवाड़ भी कर रहे है। लगातर इसकी शिकायत मिलनें के बाद बुधवार को जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ गार्गी यदुपाल के निर्देश पर गठित संयुक्त टीम ने फिंगेश्वर ब्लॉक के ग्राम लचकेरा, रजनकट्टी, कोसमबुढ़ा और भेंद्री में औचक छापेमार कार्यवाही की। कार्यवाही के दौरान ग्राम लचकेरा में राजूराम साहू अपने घर में, रजनकट्टी में रविशंकर साहू, कोसमबुढ़ा में वीरेंद्र महलदार और ग्राम भेंद्री में जागेश्वर साहू अपने घर में अवैध रूप से क्लीनिक का संचालन करते पाए गए। इनके घर से बड़ी संख्या में एक्सपाइरी दवाइयां, इंजेक्शन, प्रेगनेंसी कीट सहित कई प्रकार के दवाइयां बरामद हुई है। बताया जाता है इसमें भेंद्री निवासी जागेश्वर साहू पेशे से सरकारी शिक्षक है। इसके बाद भी अवैध गतिविधियों में सलिप्त पाए गए। संयुक्त टीम में दो क्लिनिक को सील करते हुए उनसे दोबारा अवैध क्लिनिक संचालित नहीं करने का शपथ पत्र भी लिया। इसके अलावा दो को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इस दौरान संयुक्त टीम में शिशू रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अंकुश वर्मा, डीएचओ डॉक्टर लक्ष्मीकांत जांगड़े, डॉक्टर सुनील रेड्डी के साथ ही फिंगेश्वर थाना से एएसआई सोमेश्वर ठाकुर भी शामिल थे। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के भोलेभाले लोग दलालों के चक्कर में आकर कुकुरमुत्ते की तरह गांव गांव में चल रहे अवैध क्लीनिक का ही सहारा लेते है और अपनी जेब ढीली कर कई बार अपनी जान भी जोखिम लगा बैठते है। छापेमारी के दौरान टीम ने डेका डोबिन इंजेक्शन 500, प्रेगनेंसी कीट, बीपी मशीन, थर्मामीटर, डिक्लोफेनाक इंजेक्शन, ऑप्टिनेयरोन इंजेक्शन, जेंटामाइसिन इंजेक्शन, डेक्सामेथासोन इंजेक्शन सहित दर्द, बुखार, संक्रमण की भी कई प्रकार की दवाई और इंजेक्शन जप्त किए है। इधर, जिले में अवैध क्लिनिक के साथ ही धड़ल्ले से अवैध नर्सिंग होम भी संचालित किए जाने की शिकायत है। नियम विरुद्ध संचालित अवैध नर्सिंग होम में लोगों की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है। मालूम हो कि कुछ माह पहले ही अवैध नर्सिंग होम में एक महिला को डॉक्टर के लापरवाही और समुचित इलाज नहीं करने के चलते मौत हो गई थी। बाद में मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अवैध नर्सिंग को सील कर दिया था। इसके कुछ दिन बाद फिर छुरा ब्लॉक के एक हॉस्पिटल में गर्भवती महिला के पेट में ही बच्चे की मौत होने का मामला सामने आया था। विभाग के कार्यवाही के बाद अब अवैध नर्सिंग होम और हॉस्पिटल चलाने वालों को भी कार्यवाही की चिंता सताने लगी है।

इस संबंध में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर गार्गी पाल यदु से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि लंबे समय से अवैध क्लिनिक संचालन की सूचना मिली थी। टीम बनाकर छापेमार कार्यवाही की गई, जिसमें चार क्लिनिक अवैध रूप से संचालित पाए गए। दो को सील किया गया है। क्लिनिक में एक ही इंजेक्शन का उपयोग कई मरीजों कर किया जा रहा था। कई एक्सपाइरी दवाइयां भी जप्त की है।


Source : Agency

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