इंफाल
मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा, “यह पूरा साल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। मुझे खेद है और मैं राज्य के लोगों से माफी मांगना चाहता हूं कि पिछले 3 मई से लेकर आज तक जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए। कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया। कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया। मुझे वाकई खेद है। मैं माफी मांगना चाहता हूं…अब, मुझे उम्मीद है कि पिछले 3-4 महीनों की शांति की प्रगति को देखने के बाद, मुझे उम्मीद है कि नए साल 2025 के साथ राज्य में सामान्य स्थिति और शांति बहाल हो जाएगी। मैं राज्य के सभी समुदायों से अपील करना चाहता हूं कि जो हुआ सो हुआ। हमें अब पिछली गलतियों को भूलना होगा और एक नई जिंदगी शुरू करनी होगी। एक शांतिपूर्ण मणिपुर, एक समृद्ध मणिपुर, हम सभी को एक साथ रहना चाहिए।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा, “अब तक कुल मिलाकर लगभग 200 लोग मारे गए हैं और लगभग 12,247 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 625 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और लगभग 5,600 हथियार और विस्फोटकों सहित लगभग 35,000 गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। मुद्दों से निपटने में अच्छी प्रगति हुई है। केंद्र सरकार ने विस्थापित परिवारों की मदद के लिए पर्याप्त सुरक्षा कर्मी और पर्याप्त धनराशि प्रदान की है और विस्थापित व्यक्तियों के लिए नए घर बनाने के लिए पर्याप्त धनराशि दी है
बता दें कि मणिपुर में 2024 की शुरुआत हिंसा के साथ ही हुई थी. एक जनवरी को थौबल में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने 4 लोगों की हत्या कर दी थी. इसके एक महीने बाद बदमाशों ने इंफाल ईस्ट जिले में एएसपी मोइरंगथेम अमित सिंह के आवास पर हमला किया था. एएसपी और उनके एक साथी को अगवा कर लिया था. बाद में उन्हें घटनास्थल से करीब पांच किलोमीटर दूर इंफाल वेस्ट के क्वाकेथेल कोनजेंग लेइकाई इलाके से छुड़ाया गया था.
इसके बाद अप्रैल में कुकी और मैतेई समुदायों में जातीय तनाव के बीच में लोकसभा चुनाव हुए. पहले चरण में भारी हिंसा हुई. पहले ये जातीय हिंसा इंफाल घाटी और आस-पास के जिलों शहर तक ही सीमित थी. मगर, जून में असम की सीमा से लगे जिरीबाम जिले में एक शख्स की मौत के बाद हिंसा ने नया मोड़ ले लिया.
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