गोपालगंज.
गोपालगंज में राजेंद्र बस अड्डे की अरबों रुपये कीमत की जमीन पर भू-माफियाओं द्वारा फर्जी तरीके से जमाबंदी कराने की खबर ने जिला प्रशासन को चौकस कर दिया है। जिला अधिकारी मोहम्मद मकसूद आलम के निर्देश पर एसडीओ डॉ. प्रदीप कुमार ने अंचल कार्यालय में छानबीन की। एसडीओ के समक्ष नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी राहुलधर दुबे, सीओ गुलाम सरवर, राजस्व कर्मचारी दिनेश मिश्र तथा प्रधान सहायक सुबोध झा मौजूद रहे।
जांच के दौरान रजिस्टर-टू में जमाबंदी के अभिलेख में फर्जीवाड़ा सामने आया। रजिस्टर-टू के पन्ने को डॉट पेन से लिखा गया था और कुछ पन्नों को जेल पेन से जोड़कर संशोधित किया गया था। यह स्पष्ट हुआ कि जमाबंदी की रसीद फर्जी तरीके से कटवाई गई थी। एसडीओ प्रदीप कुमार ने पुष्टि की कि उक्त जमीन पर पूर्व से कोई जमाबंदी नहीं थी, बल्कि फर्जी तरीके से एक पन्ना जोड़ा गया था। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जब जमाबंदी हुई ही नहीं है तो रद्द करने का प्रश्न ही नहीं उठता। वहीं, सीओ गुलाम सरवर की रिपोर्ट में भी गड़बड़ पाई गई। रिपोर्ट में बस स्टैंड की जमीन पर अवैध कब्जा बताया गया। साथ ही नगर परिषद की पक्की दुकानों को फूस के रूप में दर्शाया गया, जबकि दुकानों को 1984 से नियमित किराया मिल रहा है। नगर परिषद द्वारा सही रिपोर्ट देने में विफलता के चलते प्रशासन को नए सिरे से जांच की आवश्यकता महसूस हो रही है।
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