नई दिल्ली
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को ‘आप’ के स्थापना दिवस पर कहा कि 12 साल में उन्होंने देश को एक नया ‘मॉडल ऑफ गवर्नेंस’ दिया है। केजरीवाल ने इस दौरान दिल्ली चुनाव को लेकर भी बात की और कहा कि उन्हें इस बात की चिंता नहीं है कि हार गए तो उनका क्या होगा, उन्हें चिंता दिल्लीवालों की है। केजरीवाल ने भरोसा जताया कि कुछ सीटें कम-ज्यादा हो सकती हैं, लेकिन सरकार उनकी ही बनेगी।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 12 सालों में हर छह महीने में उनकी सरकार के लिए ‘श्रद्धांजलि’ लिखी गई और कहा गया कि अब आम आदमी पार्टी खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले 14 मई 2014 को ओबिचूएरी लिखी गई थी। मैंने कहा था कि अमित शाह के साथ डिबेट के लिए तैयार हूं। उस दिन उन्होंने कहा था कि 16 मई 2014 के बाद यदि केजरीवाल राजनीति में रहा तो मैं डिबेट करूंगा। मैं हूं राजनीति में। मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और मैं जेल गए तब भी कहा गया कि अब यह पार्टी खत्म हो गई। देख लो अभी भी है आम आदमी पार्टी।’
केजरीवाल ने कहा कि हर छह महीने में हमारी श्रद्धांजलि लिखी जाती है कि अब तो गए। एक पत्रकार मिले तीन चार दिन पहले, बोला कि केजरीवाल जी हवा तो यही है कि दिल्ली में आप लोगों की सरकार आ रही है, दो चार सीटें ऊपर नीचे हो सकती हैं, यही चल रहा है ना दिल्ली में आजकल कि 2-4 सीटें ऊपर नीचे हो जाए लेकिन सरकार तो… लेकिन कहता है कि मान लो केजरीवाल जी अगर आप हार गए तो आपका क्या होगा? मैंने कहा कि दोस्त मुझे इस बात कि चिंता नहीं कि हार गया तो मेरा क्या होगा। मुझे चिंता है कि मैं हार गया तो दिल्ली में पढ़ने वाले 18 लाख बच्चों का क्या होगा। दिल्ली जैसे स्कूल देश में कहीं नहीं हैं। बड़ी मुश्किल से स्कूल अच्छे किए हैं। हमारी सरकार चली गई तो उनके अभिभावकों का क्यो होगा जिन्होंने उम्मीद देखी है कि उनका भी बच्चा डॉक्टर इंजीनियर बनेगा।
केजरीवाल ने आगे कहा कि मेरी चिंता इस बात की नहीं है कि मेरा क्या होगा। मैं यहां सत्ता के लिए नहीं आया। मुझे चिंता है कि दिल्ली में जब कोई गरीब बीमार होता है तो उसे पैसे की चिंता नहीं होती। उन सब लोगों का क्या होगा जिनके घर में कोई बीमार होता है। अगर हमारी सरकार चली गई तो दिल्ली में फिर से 8-10 घंटे के पावर कट लगने लगेंगे। हमारे देश की राजधानी का क्या होगा। 2 करोड़ लोगों का क्यो होगा।
केजरीवाल ने कहा कि यह संयोग नहीं है कि उनकी पार्टी का गठन संविधान दिवस पर हुआ। उन्होंने कहा कि भगवान जो भी करते हैं उसके पीछे उनकी कुछ मंशा होती है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 साल में क्या पाया, इस पर कोई कहेगा कि दो राज्यों में सरकार और कई प्रदेशों में विधायक हैं, लेकिन सबसे बड़ी उपलब्धि है कि उनकी पार्टी ने शासन का नया तरीका दिया है, जिसमें लोगों को सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ उन्होंने लोगों को सुविधाएं दीं तो दूसरी तरफ इन्फ्रास्ट्रक्चर का भी विकास किया और फिर भी बजट फायदे में रहा। उन्होंने कहा कि अब उनकी देखादेखी राजनीति में स्कूल, पानी, बिजली, सड़क आदि की बातें होने लगी हैं।
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