इंदौर
प्रयागराज महाकुंभ में स्नान को लेकर जारी राजनीतिक बयानबाजी के बीच एक बार फिर दिग्विजय सिंह और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय आमने-सामने हैं. दरअसल दिग्विजय सिंह द्वारा महाकुंभ को आस्था का इवेंट बनाने संबंधी बयान पर कैलाश विजयवर्गीय ने पलटवार किया है. बुधवार को इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ”दिग्विजय सिंह प्रयागराज में स्नान करने गए यह बड़ी और खुशी की बात है. लेकिन गंगा नदी से निकलते ही उन्होंने फिर वैसा ही बयान दिया. ऐसे बयान देने वाले लोगों के बारे में कहा गया है कि ऐसे लोगों पर कितनी ही गंगा नदी डाल दो उन पर कोई असर नहीं होने वाला. कम से कम गंगा से निकलकर तो कुछ अच्छा बोलना चाहिए.”
इतनी भीड़ आएगी अंदाजा नहीं था
विजयवर्गीय ने प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर कहा कि, ”वहां व्यवस्थाएं जबरदस्त हैं. लेकिन इतनी जनता आ जाएगी इसका अंदाजा किसी को नहीं था.” उन्होंने कहा, ”अनुमान के मुताबिक, 20 से 25 करोड़ लोग आने का अनुमान सबको था. लेकिन अब तक वहां 50 करोड़ से ज्यादा लोग स्नान कर चुके हैं. यह विश्व का सबसे बड़ा सनातन समागम है. इसकी खूबियां भी लोगों को दिखाई देना चाहिए. क्योंकि विश्व में इतना बड़ा मानव समूह कहीं भी दिखाई नहीं देता.”
आज प्रयागराज में मेरे पिता दिग्विजय सिंह जी के साथ महाकुंभ माघ पूर्णिमा के पावन दिन पर त्रिवेणी संगम में स्नान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। माँ गंगा यमुना सरस्वती, सूर्यदेव भगवान, हमारे पितरों व देवी देवताओं का आशीर्वाद और असीम कृपा सदैव बनी रहे।
सज्जन सिंह पर बोले कैलाश विजयवर्गीय
गौरतलब है कि, दिग्विजय सिंह माघ पूर्णिमा के दिन अपने पुत्र जयवर्धन सिंह के साथ प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करने पहुंचे थे. जहां उन्होंने कहा था कि, ”भाजपा को महाकुंभ जैसे आस्था के विषय को इवेंट नहीं बनना चाहिए.” इधर कैलाश विजयवर्गीय ने सिख दंगों के मामले में दोषी ठहराए गए कांग्रेस नेता सज्जन सिंह मामले में कहा सिखों के खिलाफ हिंसा के कारण ही उस दौरान सिख समाज को हिंदू धर्म से अलग करने का प्रयास किया गया. लिहाजा ऐसे मामले के दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होना चाहिए.”
Source : Agency