रांची।
भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी और माल्टा के उच्चायुक्त रूबेन गौसी ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर केंद्रित एक अनौपचारिक यात्रा पर दुमका के महारो स्थित सेंट जेवियर्स कॉलेज का दौरा किया। जहां दोनों गणमान्यों का स्वागत संताली पारंपरिक लोक नृत्य के साथ किया गया।
दुमका के सेंट जेवियर्स कॉलेज का दौरा पर अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि संथाल लोग और झारखंड भारत के हृदय स्थल हैं, जहां लोग अपनी गहरी परंपराओं से जुड़े होते हैं और प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व की समझ रखते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया को इन परंपराओं से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है, और जब भी वह भारत में आदिवासी समुदायों से मिलते हैं, तो उन्हें यह समझ में आता है कि कैसे लोग प्रकृति को संरक्षित करते हैं।
बांग्लादेशी हिंदूओं पर बोले गार्सेटी
बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचारों पर गार्सेटी ने कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह लोकतंत्र और शांति की नींव है। वह भारत, बांग्लादेश और दक्षिण एशिया में मिलकर काम कर रहे हैं ताकि अल्पसंख्यकों की आवाज़ दबाई न जाए।
दुमका और माल्टा का ऐतिहासिक संबंध- गौसी
वहीं इस यात्रा को लेकर माल्टा के उच्चायुक्त रूबेन गौसी ने कहा कि वह चार साल से अधिक समय से भारत में हैं और झारखंड की यह उनकी पांचवी यात्रा है। उन्होंने कहा कि वह अमेरिकी राजदूत के साथ दुमका आने पर गर्व महसूस करते हैं, और यह यात्रा खासतौर पर अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर आधारित है। गौसी ने बताया कि दुमका का माल्टा से ऐतिहासिक संबंध है, क्योंकि 1925 में जेबूसाइट यहां आए थे, और वहां बहुत से लोग संथाली बोलते हैं।
Source : Agency