Thursday, 19 September

रांची.

झारखंड हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता को राजधानी रांची में प्रदर्शनों और धरनों के दौरान पुलिस द्वारा अपनाई जाने वाली मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की एक प्रति पेश करने का निर्देश दिया। यह आदेश तब आया जब कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद और न्यायमूर्ति अरुण कुमार राय की खंडपीठ रांची में अनियमित यातायात पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

मामले की सुनवाई 20 सितंबर को फिर होगी। पीठ ने कहा कि सुशासन के लिए कानून-व्यवस्था कायम रखी जानी चाहिए। कहा कि समाज को प्रदर्शनकारियों की भीड़ से बचाया जाना चाहिए, उनके मन में पुलिस का डर होना चाहिए और नियंत्रण से बाहर जाने पर उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जा सकती है। पीठ ने कहा कि प्रशासन को प्रदर्शनों और धरनों की पहले से जानकारी होती है, इसलिए उसके पास किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त समय है। आदेश में कहा गया कि प्रदर्शनकारियों को एक विशेष स्थान पर सीमित किया जा सकता है और यातायात को मोड़ने के लिए वैकल्पिक रास्ते की योजना बनाई जा सकती है, जिससे आम जनता प्रभावित नहीं होगी। रांची में खराब यातायात प्रबंधन से नाराज होकर झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी ने 27 अगस्त को डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए बुलाया था। इससे पहले जस्टिस द्विवेदी 23 अगस्त को बीजेपी की ओर से आयोजित ‘जन आक्रोश’ रैली के दौरान मुख्यमंत्री आवास के सामने काफी देर तक फंसे रहे थे। उन्होंने 27 अगस्त को हुई अदालत की कार्यवाही को यातायात प्रबंधन पर जनहित याचिका के रूप में निपटाने के लिए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रसाद के समक्ष रखने का आदेश दिया था।

Source : Agency

पढ़ें देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi Letest News) हिंदी में | Tech News और Business News के लिए जुड़े रहे Nishpaksh Mat से

Share.
Exit mobile version