इंदौर
जैन मुनि विनम्र सागर जी महाराज ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि जो लोग गंगा, शिव और भगवान राम को नहीं मानते, उनका महाकुंभ में क्या काम है। ऐसे लोगों का कुंभ में कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के महाकुंभ में गैर-हिंदू दुकानों पर रोक की मांग का जैन मुनि विनम्र सागर जी महाराज ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि ‘धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बिल्कुल सही कहा है। जो लोग गंगा, शिव और भगवान राम को नहीं मानते, उनका महाकुंभ में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। ऐसे आयोजन सिर्फ हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए हैं।’
विनम्र सागर जी महाराज ने कहा कि ‘हर हिंदू को इस बात का समर्थन करना चाहिए और सरकार से अपील की है कि महाकुंभ में गैर-हिंदू दुकानों पर प्रतिबंध लगाया जाए।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘महाकुंभ हिंदू परंपरा और आस्था का प्रतीक है और इसकी पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है।’
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के शुरू किए गए इस मुद्दे पर अब जैन संतों का भी समर्थन मिलने से इस मांग को लेकर दबाव बढ़ गया है। जैन मुनि का यह बयान धार्मिक आयोजनों में केवल हिंदू धर्म से जुड़े लोगों की सहभागिता करता है, जिससे यह मुद्दा और गरमा गया है।
धीरेंद्र शास्त्री ने कही थी ये बात
आपको बता दें कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि अब जिनको सनातन धर्म के सामान विक्रय करेंगे, वो लोग नाश ही करेंगे, कुछ जगह थूक कांड मिले, फलों में गंदगी फैलाए। हम नहीं कहते कोई भी हो सकते हैं, इसलिए महाकुंभ मेले में गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित कर देना चाहिए। राम को मानते ही नहीं, तो मेरे आंगना में तुम्हारा क्या काम है।
उन्होंने कहा था कि वहां त्रिवेणी है, संगम है, महाकुंभ है। संतों का दर्शन है, कथा से लेना-देना है। तुम्हें सनातन से लेना-देना नहीं, जिन्हें सनातन संस्कृति का ज्ञान हो, हिन्दू के देवी-देवताओं के बारे में पता हो, पूजन पद्धति के पूजन के समानों के बारे में पता हो, वैसे लोगों को ही कार्य दिया जाए।
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