इंदौर
प्रदेश सरकार की ईवी पालिसी से इंदौर में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की बिक्री में तेजी आएगी। वर्तमान में 31 हजार से अधिक वाहन इंदौर में अब तक पंजीकृत हो चुके हैं। प्रदेश में छूट नहीं मिलने के कारण ईवी वाहनों की बिक्री अपेक्षाकृत कम हो रही थी। अब राज्य की नई ईवी पालिसी बनने जा रही है। इसमें अनुदान की घोषणा की जा सकती है।
गुजरात, महाराष्ट्र सहित कुछ अन्य राज्य इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए उनकी खरीदी पर सब्सिडी देते रहे हैं। इस कारण उन राज्यों में ईवी ने तेजी से गति पकड़ी, किंतु मध्य प्रदेश छूट न देकर पिछड़ गया। अब जाकर राज्य नई ईवी पालिसी बनाने जा रहा है, जिसमें अनुदान दिए जाने की घोषणा होने की संभावना है।
इससे इंदौर का ईवी बाजार और आटोमोबाइल इंडस्ट्री उत्साहित है। पीथमपुर व सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर ईवी के पार्ट बनाने वाली कंपनियां कार्यरत हैं। अब इन्हें उम्मीद हैं कि नई पालिसी के बाद इंदौर व पीथमपुर में ईवी के उत्पादन की नई यूनिटें स्थापित हो सकती हैं।
मोहन सरकार प्रदेश में हरित वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को आर्थिक मदद देने जा रही है. इसको लेकर सरकार ने मसौदा तैयार कर लिया है. अधिकारियों ने बताया कि सरकार भविष्य की मांग को देखते हुए ईवी खरीदने वाले उपभोक्ताओं को सब्सिडी देगी. जिससे लोग अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन खरीदें. इसमें स्कूटी, टूव्हीलर, थ्री व्हीलर और चार पहिया वाहन के साथ बसों को भी शामिल किया गया है. यानि कि अब आप एमपी में कोई भी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदते हैं, तो आपको सब्सिडी मिलना तय है.
टोल टैक्स में भी मिलेगी 10 साल तक छूट
एमपी सरकार ईवी खरीदने के लिए सब्सिडी तो देगी ही, इसके साथ ही ऐसे वाहनों को टोल टैक्स में भी 10 साल की छूट दी जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि टोल टैक्स में छूट के अलावा उपभोक्ताओं को शहर के विभिन्न स्थानों पर चार्जिंग पांइट भी नि:शुल्क उपलब्ध कराएगी. बता दें कि विभाग ने साल 2019 में बनी ईवी पालिसी का संसोधित ड्राफ्ट 2023 में तैयार किया था. लेकिन फाइलें कार्यालयों के चक्कर लगाती रही, लेकिन इस पर सरकार की मुहर नहीं लग पाई थी. सरकार ने ईवी खरीदने के किए नगरीय विकास एवं आवास विभाग को नोडल एजेंसी बनाया है.
इलेक्ट्रिक बस खरीदने के लिए मिलेगी 10 लाख रुपये सब्सिडी
बता दें कि, एमपी में टू व्हीलर खरीदने वालों को 10 हजार रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी. हालांकि ये सिर्फ शुरुआत के एक लाख वाहनों पर मिलेगी. वहीं ऑटो रिक्शा पर 20 हजार रुपये, पहले 15 हजार वाहनों के लिए, चार पहिया के लिए 50 हजार रुपये पहले 5 हजार वाहनों को और बस खरीदने के लिए 10 लाख रुपये की सब्सिडी पहले एक हजार वाहनों के लिए दी जाएगी.
एमपी के अलावा इन राज्यों में भी मिल रही सब्सिडी
वर्तमान में एमपी के अलावा केरल, महाराष्ट्र और गुजरात सरकार अपने राज्यों में ईवी खरीदने वालों को सब्सिडी दे रही है. जानकारी के अनुसार गुजरात में ईवी खरीदने वालों को 20 हजार से 1.50 लाख रुपये तक, महाराष्ट्र में 25 हजार से 2.50 लाख रुपये तक और केरल में ई-रिक्शा खरीदने के लिए 10 से 30 हजार रुपये की सब्सिडी राज्य सरकारें दे रही हैं. अब यही फार्मूला मध्यप्रदेश में भी लागू होने जा रहा है. हालांकि सब्सिडी की दरें अलग हैं.
सरकारी भवनों में बनेंगे चार्जिंग स्टेशन
राज्य सरकार ने चार्जिंग स्टेशन बनाने वालों के लिए भी जगह उपलब्ध कराएगी. जिन सरकारी भवनों में जगह उपलब्ध होगी, वहां भी चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. विशेषज्ञों का दावा है कि, ”ईवी के लिए इंफ्रास्टक्चर तैयार करने और सब्सिडी देने में करीब 600 करोड़ रुपये खर्च होंगे.” नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त भरत यादव ने बताया कि, ”मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश में हरित वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए ईवी खरीदने के लिए सब्सिडी देने की योजना बना रही है. जल्द ही इस पर मंत्री परिषद की मुहर लग सकती है.”
31 हजार से अधिक दोपहिया
शहर में ईवी वाहनों की संख्या 31 हजार के पार पहुंच चुकी है।
19 हजार से अधिक ईवी दोपहिया वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
कार की बात करते तो इनकी संख्या भी 1100 के पार पहुंच चुकी है।
ई-रिक्शा 8000 के करीब हैं। ई-रिक्शा काट की संख्या 1525 है।
थ्री व्हीलर पैसेंजर की संख्या भी 547 के करीब हो चुकी है।
70 ई-बसें भी शहर में दौड़ रही हैं।
मोटर केब की संख्या भी 40 हो चुकी है।
Source : Agency