Friday, 20 September

इस्लामाबाद
 पाकिस्तान के थिंकटैंक इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज में भारत की बढ़ती मिसाइल क्षमताओं को लेकर चिंता जताई है। इसमें कहा गया है कि ये क्षेत्रीय स्थिरता और पाकिस्तान की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता के लिए महत्वपूर्ण खतरा पैदा करती हैं। रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि पाकिस्तान और चीन के साथ सीमा पर भारत की ओर से एस-400 की तैनाती चिंता की बात है। इसमें कहा गया है कि एस-400 पाकिस्तान के 600 किमी अंदर तक की वस्तुओं को पता लगाने की क्षमता रखता है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा बढ़ानी चाहिए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की ओर से लंबी दूरी वाले उन्नत रडार का डेवलपमेंट स्थिति को पाकिस्तान के लिए और भी गंभीर बना रहा है। यह पाकिस्तान की गौरी और शाहीन मिसाइलों का पता लगा सकते हैं। रिपोर्ट में एस-400 को लेकर चिंता जताते हुए कहा गया, ‘हाल ही में, भारतीय वायु सेना ने रूसी एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली रक्षा प्रणाली का परीक्षण करने के लिए एक सैन्य अभ्यास किया, जिसमें दुश्मन के 80 फीसदी लड़ाकू विमानों को मार गिराया गया और बाकी को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया गया।’

पाकिस्तान के लिए क्या है टेंशन की बात

रिपोर्ट में कहा गया कि रूस का एस-400 एक उन्नत बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (BMD) है। साथ ही चिंता जताई गई कि भारत इसी तरह का स्वदेशी मिसाइल डिफेंस सिस्टम बना रहा है। रिपोर्ट में हालांकि इस बात पर जोर दिया गया है कि कोई भी मिसाइल रक्षा प्रणाली अचूक नहीं है, लेकिन ऐसी प्रणाली का होना सुरक्षा की भावना पैदा करता है, जिससे भारत अधिक आक्रामक रुख अपना सकता है। इससे परमाणु संघर्ष का खतरा बढ़ने की चेतावनी दी गई है।

पाकिस्तान क्या करे?

रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि भारत हमला करने वाली हाइपरसोनिक मिसाइलों का भी निर्माण कर रहा है, जो पारंपरिक और परमाणु दोनों हथियारों को ले जाने में सक्षम होंगी। इससे भारत की सटीक हमला करने की क्षमताओं में वृद्धि होगी और पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा करना मुश्किल हो जाएगा। भारत की बढ़ती ताकत से मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान को अपनी टेक्नोलॉजी में विविधता लाने, मिसाइल रक्षा प्रणालियों को भेदने के लिए उन्नत तकनीक विकसित करने की बात कही गई है।


Source : Agency

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